भाजपा की लंबे समय से सहयोगी शिवसेना ने लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दशहरा मनाने की योजना पर कटाक्ष किया है। शिवसेना ने कहा है कि लखनऊ जाकर मोदी अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने की घोषणा करें।
छह दिवसीय संघ की बैठक इन दिनों चर्चा में है। मिशन यूपी और मिशन मंदिर पर भी मंथन हो रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कार्यक्रम और उद्देश्यों के बारे में बात की।
छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए मंदिर तोड़ने पहुंचे निगम के दस्ते को वापस भेज दिया। नेताओं के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा, शिवसेना, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन मंदिर को तोड़े जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करा पाने के लिए हमर संगवारी संस्था ने निगम प्रशासन को दोषी बताया है।
एक समय में राम मंदिर आंदोलन की सक्रिय सदस्य रहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती बातचीत के माध्यम से लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद का समाधान चाहती हैं। हालांकि विवादित भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को अपना नायक बताते हुए मंत्री ने उनकी सराहना की। उन्होंंने कहा कि वह स्वामी के वचन पर विश्वास करती हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का काम इस वर्ष के आखिर तक शुरू हो जायेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भाजपा अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अयोध्या में राम मंदिर निर्माण मुद्दे पर नहीं बल्कि विकास के मुद्दे पर लड़ेगी क्योंकि राम मंदिर निर्माण राजनीतिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक मुद्दा है।
धर्मनगरी उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तिथि तय हो गई है। संतों ने धर्मसंसद में आखिरकार निर्माण पर फैसला कर लिया है। संतों ने गरजते हुए साफ कहा है कि मंदिर निर्माण से मोदी सरकार का कोई लेना देना नहीं है।
उज्जैन सिंहस्थ में विश्व हिंदू परिषद के मंडप में बीते दो दिन संतों की बैठक हुई। संत समाज से आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, जूना अखाड़ा सहित कई महामंडलेश्वर, शंकराचार्य आदि शामिल हुए। बैठक में सभी ने विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री चंपत राय से चर्चा की।
11वीं सदी के भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक शहर चंदेरी, जो बुंदेलों और मालवा के शासकों द्वारा बनवाया गया। ऐतिहासिक इमारतों और गुप्त, प्रतिहार, गुलाम, तुगलक, खिलजी, अफगान, गौरी, राजपूत और सिंधिया वंश द्वारा शासित रहा चंदेरी अब खास रेशमी के कपड़ों के लिए भी जाना जाता है। इससे इतर अपने कलात्मक इतिहास के कारण चंदेरी कभी सांस्कृतिक नगरी के रूप में भी जाना जाता था।