'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
क्या हम हल्दीराम की भुजिया खाने से पहले यह छानबीन करेंगे कि उस कंपनी में हमारी जात-बिरादरी, धर्म के कितने लोग, किन-किन पदों पर हैं? क्या झंडुु बाम लगाने से पहले भी हम उसकी धर्म-जाति तय करते हैं? अगर ऐसा नहीं है तो फिर रूह अफजा ने क्या बिगाड़ा है। इसकी मिठास में नफरत की चासनी क्यों मिलाई जा रही है?
आल इंडिया किसान सभा का कहना है कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी फसल बीमा योजना के तहत घोटाला किया जा रहा है। सभा का कहना है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली को किसानों के बकाया दावो के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए।
ईवीएम के मुद्दे पर चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष बंटा नजर आया। ईवीएम से टेपरिंग की बात कर रहे सौरभ भारद्वाज अब वीवीपैट से चुनाव कराने की बात कर रहे हैं तो बसपा बैलेट पेपर से चुनाव के हक में हैं। जदयू के के सी त्यागी ने आयोग से चुनाव को लेकर विश्वास बहाल करने को कहा है। इस दौरान आयोग ने ईवीएम से सिक्योरिटी फीचर को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया।
चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। 16 विपक्षी पार्टियों की तरफ से ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाने के बाद आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय लिया था।
वेस्टइंडीज के आलराउंडर आंद्रे रसेल अपने साथी क्रिकेटर ड्वेन ब्रावो के नक्शे कदम पर चलते हुए संगीत और फिल्मों के क्षेत्र में अपनी नयी पारी शुरू करने वाले हैं।