स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने होम लोन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। एसबीआई ने 75 लाख रुपये के होम लोन पर ब्याज दर में 0.10 फीसदी की कटौती की है। ये छूट 15 जून के बाद से लागू हो जाएंगी।
जीएसटी के सुचारू कार्यान्वयन के लिए 18 क्षेत्रीय (सेक्टरल) समूहों का गठन किया गया। इस समूह में अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टर (क्षेत्रों) के प्रतिनिधित्व के लिए केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों को रखा गया है।
मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानों पर हुई फायरिंग और किसान नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने केन्द्र सरकार को चेतावनी दी है। भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि मध्य प्रदेश के किसानों से वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए और सभी किसान नेताओं की रिहाई हो। ऐसा न होने पर यूनियन ने उत्तर भारत के राज्यों में अनिश्चितकालीन चक्काजाम की बात कही है।
जीएसटी को लागू करने की समय सीमा एक जुलाई बहुत दूर नहीं है। एक महीने से भी कम वक्त बचा है, जबकि अभी तक 7 राज्यों ने जीसटी को पारित ही नहीं किया है। इनमें से अधिकतर गैर भाजपा शासित राज्य हैं।
सोने पर तीन फीसदी, टैक्सटाइल्स पर छह फीसदी, पैंकिंग वाला खाद्य उत्पादों पर पांच फीसदी, सोलर पैनल, कृषि मशीनों पर पांच फीसदी, बिस्कुट पर 18 फीसदी और बीडी पर 28 फीसदी व तेंदुपत्ते पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। शनिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन दरों को मंजूरी दे दी गई। इसी के साथ टांजिशन प्रोवजंस व रिटर्न समेत बाकी नियमों को हरी झंडी दे दी गई। सभी राज्य पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने पर सहमत हो गए हैं। काउंसिल की अगली बैठक 11 जून को होगी।
साउथ फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेता और निर्माता कमल हासन ने एक ओर जहां एक भारत, एक कर (जीएसटी) का समर्थन किया है। वहीं, दूसरी ओर उन्होंने कहा कि जीएसटी बिल फिल्मी बिजनेस को बरबाद कर देगा। इस पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह फिल्म इंडस्ट्री छोड़ देंगे।
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लेकर मोदी सरकार को नसीहत दी है। स्वामी ने इसकी तुलना वॉटरलू के युद्ध से की है। उन्होंने मोदी सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अभी के आर्थिक हालात को देखते हुए जीएसटी लागू करना खतरनाक साबित हो सकता है।
आरबीआई ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि मोबाइल नंबर की तरह अब बैंक अकाउंट पोर्टेबिलिटी भी शुरू की जा सकती है। नोटबंदी के बाद इसे दूसरे सबसे बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।
जीएसटी पर केंद्र की तैयारियों को लेकर दिल्ली सरकार ने सवाल खड़े किए हैं। दिल्ली सरकार का मानना है कि जीएसटी देश के लिए अहम टैक्स सुधार है लेकिन जल्दबाजी में लागू करने से इसका मकसद विफल हो सकता है।