एक तरफ जहां लोग फादर्स डे मना रहे हैं वहीं भारतीय सेना के शहीद जवान लांस नायक बख्तावर सिंह कै पिता अपने बेटे को खोने का गम मना रहे हैं। शहीद के पिता ने कहा कि अगर सरकार में दम होता तो हम अपने बच्चे नहीं खोते। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार की आलसीपन की वजह से हो रहा है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। इस बार मामला कुछ और नहीं बल्कि सरकारी डॉक्टर्स की टीम का लालू के घर पर तैनात किया जाना है।
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई। जिला अस्पताल में शव वाहन न मिलने के कारण मामा को सात महीने की भांजी का शव साइकिल पर ही घर लाना पड़। लगातार बढ़ती इस तरह की घटनाएं व्यवस्था की संवेदनहीनता को उजागर करती हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में कर्नाटक कैडर के आईएएस का शव मिला है। इस घटना के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। आईएएस अनुराग तिवारी का शव मीराबाई गेस्ट हाउस के बाहर बरामद हुआ है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने आज उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने यह नोटिस इटावा जिले के अस्पताल से एंबुलेंस न मिलने पर अपने किशोर बेटे का शव कंधे पर ले जाने को मजबूर हुए एक मजदूर का मामला सामने आने पर दिया है।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में जवानों के शवों के साथ हुई बर्बता पर देश की जनता काफी आक्रोशित नजर आ रही है। जवानों के शवों के साथ हुई इस हरकत के बाद गुजरात के रहने वाले एक शख्स ने सड़क पर पाकिस्तानी झंडा बनाकर अपना गुस्सा निकाला है।
पाक सुरक्षा बलों द्वारा भारतीय सैनिकों के शवों के साथ की गई बर्बरता पर पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने मांग की है कि सेना को पाकिस्तान पर कार्रवाई के लिए खुली छूट दी जाए।
भारत के दो जवानों को मारने के बाद उनके शवों के साथ की गई बर्बरता से पूरा देश आक्रोशित है। सेना ने इसका बदला लेते हुए पाक की दो चौकियों और 10 सैनिकों को मार गिराया है। लेकिन पाक हमले में शहीद हुए बीएसएफ हेड कांस्टेबल प्रेम सागर की बेटी ने अपने पिता की शहादत के बदले सरकार से 50 पाक सैनिकों के सिर मांगे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम आज भी जस की तस है जबकि उत्तर प्रदेश की सत्ता अखिलेश सरकार से होकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है। इस दौरान सरकार बदलाव के तमाम बड़े दावे करे, लेकिन एक आम आदमी के द्वारा शव को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना सभी दावों को ढेर करता दिख रहा है।