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ढाका में आतंकी हमला, 28 की मौत, 13 बंधक छुड़ाए गए

ढाका में आतंकी हमला, 28 की मौत, 13 बंधक छुड़ाए गए

बांग्लादेश की राजधानी ढाका के रेस्टोरेंट से एक भारतीय नागरिक समेत 13 बंधकों को छुड़ा लिया गया है। बंधक संकट समाप्‍त हो गया है। लगभग 11 घंटों तक बंधकों को छुड़ाने के प्रयास किए गए। शुक्रवार रात हथियारबंद आतंकी हमले के बाद करीब 100 कमांडो रेस्टोरेंट में लोगों को बचाने घुसे। रेस्टोरेंट में मौजूद सात आतंकियों में से 6 को ढेर कर दिया गया है और एक को पकड़ लिया गया है। पूरे हमले में आतंकियों समेत 28 लोगों की मौत हो गई है। जिनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
अखिलेश और हेमा को सुध नहीं, मीठे पानी को तरस रहा शहीद हेमराज का गांव

अखिलेश और हेमा को सुध नहीं, मीठे पानी को तरस रहा शहीद हेमराज का गांव

देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपना शीश कटा डालने वाले उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद निवासी शहीद हेमराज का गांव उनकी शहदत के तीन वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। हेमराज के शहीद होने के बाद गांववासियों को उम्‍मीद थी कि सरकार अब हेमराज के नाम पर गांव में मूलभूत सुविधाओं की व्‍यवस्‍था कर देगी। लेकिन तीन साल के बाद भी नतीजा सिफर रहा। गांव वाले सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के पूरा होने का अब भी इंतजार कर रहेे हैं।
400 करोड़ के वाटर टैंकर घोटाले में केजरीवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज

400 करोड़ के वाटर टैंकर घोटाले में केजरीवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज

दिल्ली के वाटर टैंकर घोटाले में पूर्व सीएम शीला दीक्षित के साथ मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर ये एफआईआर दर्ज की गई। केजरीवाल पर 400 करोड़ रुपए के वाटर टैंकर घोटाले में जांच रिपोर्ट की फाइल को 11 माह तक दबाने का आरोप है। गुप्‍ता ने कहा कि केजरीवाल को आरोपी बनाना इसलिए जरूरी था, क्योंकि भ्रस्टाचार को न सिर्फ छुपाया गया बल्कि आज भी उन्हीं कंपनियों को भुगतान किया जा रहा है।
राजेंद्र सिंह बोले, 2 लाख 65 हजार गांवों मे पीने का पानी नहीं होना चिंता का विषय

राजेंद्र सिंह बोले, 2 लाख 65 हजार गांवों मे पीने का पानी नहीं होना चिंता का विषय

मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित राजेन्द्र सिंह ने कहा कि रिवर और सिवरेज सिस्टम अलग नहीं होने के कारण देश की नदियां मैला ढोने वाली मालगाड़ियां बन गई हैं। देश में 2 लाख 65 हजार गांवों मेंं पीने लायक पानी नहीं होना चिंता का विषय है। उन्‍होंने कहा कि जल तंत्र को बेहतर करने के लिए सघन प्रयास करने होंगे।
बहस शुरु, क्या जल को समवर्ती सूची में शामिल कर लिया जाए

बहस शुरु, क्या जल को समवर्ती सूची में शामिल कर लिया जाए

भूजल स्तर में लगातार गिरावट आने, शहरों का विस्तार होने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं की कमी, जलवायु परिवर्तन, देश के 20 राज्यों में जल विषाक्तता के बीच जल के समुचित उपयोग एवं संरक्षण को लेकर एक समग्र, व्यापक राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग के साथ जल को संविधान की समवर्ती सूची में रखने के विचार पर बहस शुरू हो गई है।
गंगा में पानी हो रहा कम, निर्मल और अविरल धारा की कलकल हो जाएगी धीमी

गंगा में पानी हो रहा कम, निर्मल और अविरल धारा की कलकल हो जाएगी धीमी

किसी भी नदी की अविरल धारा बनाये रखने के लिए नदियों में देशांतरीय संयोजना एवं पर्याप्त प्रवाह जरूरी है लेकिन गंगा नदी में सर्दी और गर्मी के महीने में कई स्थानों पर पानी का प्रवाह रूक जाता है, साथ ही गंदे जल एवं औद्योगिक अपशिष्ट का प्रवाह जारी रहता है। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की धारा की निर्मलता, पर्याप्त प्रवाह एवं स्वच्छता को बहाल करने को सरकार प्रमुखता दे रही है।
जानिएं, क्‍यूं रालेगण सिद्धि में ही अन्‍ना का हुआ विरोध

जानिएं, क्‍यूं रालेगण सिद्धि में ही अन्‍ना का हुआ विरोध

अन्‍ना के जल संरक्षण मॉडल से उनके गांव वाले ही उनसे नाराज हो गए हैं। अन्‍ना के सामाजिक जीवन में शायद यह पहली बार हो रहा है। जब उनके अपने लाेगों ने ही उनका विरोध किया है। गांव के किसान वाटर लेबल में सुधार के लिए बोरवेल भरे जाने की अन्‍ना की मुहिम को दरकिनार करते हुए एकमत होकर कहा है कि हम हर बार अन्‍ना की नहीं सुनेंगे।
पानी के लिए त्राहिमाम

पानी के लिए त्राहिमाम

देश पानी के भीषण संकट से गुजर रहा है। मराठवाड़ा के हालात पर हर दिन चर्चा हो रही है। सुरक्षा बल के साथ वहां पानी की ट्रेन भेजी गई और कई लोग पूरे दिन में सिर्फ एक गिलास पानी पर रहने को मजबूर हैं। उत्तर प्रदेश में पानी हर साल संकट और तबाही का कारण बनता रहा है। किसी साल बाढ़ तो किसी साल सूखे की त्रासदी झेलने को मजबूर उार प्रदेश में गर्मी का मौसम शुरू होते ही 50 जिले सूखे की चपेट में आ गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले दो दशकों में कभी भी मार्च के अंत और अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में ऐसे विकराल रूप में सूखा नहीं पड़ा। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त की मानें तो राज्य के पचास जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका है। ऐसे 21 जिले हैं जिसमें किसानों को 33 प्रतिशत फसल का नुकसान हुआ है। जहां तक सूखा पीड़ित क्षेत्रों के किसानों को सरकारी मदद का सवाल है, यह मदद उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिनकी 33 प्रतिशत से अधिक फसल नष्ट हुई है। अभी मई और जून की भीषण गर्मी के दिनों में और भी जिलों के सूखा प्रभावित होने आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पूर्वी उत्तर प्रदेश के चार मंडलों के बीच जिलों में पानी के स्रोत सूख चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार सबसे खतरनाक स्थिति भूगर्भ जल स्तर के औसतन छह से नौ फुट तक नीचे जाने के कारण उत्पन्न हुई है। इन जिलों के डेढ़ हजार से अधिक कुओं का जलस्तर न्यूनतम होने के कारण कुएं सूख गए हैं। 80 प्रतिशत से अधिक हैंडपंप सूख चुके हैं।
चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

चर्चा : पर्वत पर सौदेबाजी के आंसू। आलोक मेहता

मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड से अधिक सुंदर पर्वतीय क्षेत्र, विविधता की संस्कृति, भोली भाली संघर्षशील जनता संपूर्ण विश्व में अदभु,त है। स्विट्जरलैंड से कई गुना बेहतर हिम शृंखला हिमालय में है। आजादी के बाद इस क्षेत्र को आवश्यकता और आकांक्षाओं के अनुरूप आर्थिक प्रगति के लाभ नहीं मिले। उत्तर प्रदेश का हिस्सा रहने पर उत्तराखंड के लोगों को रोजगार सहित विभिन्न सुख-सुविधाओं की कमी खलती रही। इसीलिए बड़े संघर्ष के बाद उत्तराखंड को छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ अलग राज्य का दर्जा मिला।
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