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भाजपा विधायक का मोदी सरकार पर बड़ा हमला: कहा, ‘विकास केवल अडाणी-अंबानी का हो रहा, किसान बदहाल हैं’

भाजपा विधायक का मोदी सरकार पर बड़ा हमला: कहा, ‘विकास केवल अडाणी-अंबानी का हो रहा, किसान बदहाल हैं’

राजस्थान के भाजपा विधायक ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की है। विधायक ने कहा कि एक भी किसान ऐसा नहीं है जिस पर कर्ज न हो। किसान अपने दूध सड़क पर फेंक रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है।
जीएसटी पर केन्द्र को पश्चिम बंगाल का झटका, विधानसभा में नहीं होगा पेश

जीएसटी पर केन्द्र को पश्चिम बंगाल का झटका, विधानसभा में नहीं होगा पेश

जीएसटी कुछ समय में लागू होने वाला है। इस बीच पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा का कहना है कि जीएसटी को जुलाई में लागू नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि जब तक जीएसटी पर सर्वसम्मति नहीं बन जाती और उससे जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान नहीं खोज लिया जाता, इस विधेयक को पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश नहीं किया जाएगा।
भारत में 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य के लायक नहीं

भारत में 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य के लायक नहीं

एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके निकलने वाले 95 प्रतिशत इंजीनियर साफ्टवेयर विकास कार्य करने लायक नहीं होते हैं। सर्वेक्षण देश के आईटी व डेटा विज्ञान परिदृश्य में प्रतिभाओं की भारी कमी की ओर संकेत करता है।
मानसून सत्र में पेश होगा खेल विधेयक: गोयल

मानसून सत्र में पेश होगा खेल विधेयक: गोयल

काफी समय से लंबित पड़ा राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक मानसून सत्र में संसद में पेश होगा और खेलमंत्री विजय गोयल ने चेताया है कि इसका पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय खेल महासंघों को सरकार से कुछ नहीं मिलेगा।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।
चेतन चीता ने मौत के साथ जंग खुद जीती है : डॉ.एम.सी.मिश्रा

चेतन चीता ने मौत के साथ जंग खुद जीती है : डॉ.एम.सी.मिश्रा

एम्स के पूर्व निदेशक एवं ट्रामा सेंटर के संस्थापक प्रमुख एवं जाने माने सर्जन डॉ. एम. सी. मिश्रा ने आउटलुक हिंदी से बात करते हुए बुधवार को कहा कि सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता ने मौत के साथ जंग खुद जीती है।
उपग्रह निर्माण का काम आउटसोर्स करके इसरो जुड़ा निजी क्षेत्र से

उपग्रह निर्माण का काम आउटसोर्स करके इसरो जुड़ा निजी क्षेत्र से

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन :इसरो: के एक बेहद सुरक्षित और साफ कमरे में एक नई किस्म की जुगलबंदी बन रही है। निजी क्षेत्र के दल सरकारी इंजीनियरों के साथ मिलकर एक ऐसा उपग्रह बनाने का काम कर रहे हैं, जो जल्दी ही आसमान में स्थापित किया जाएगा।
जेटली बोले, 2018 में 7.7 फीसदी  की दर से बढ़ेगा भारत

जेटली बोले, 2018 में 7.7 फीसदी की दर से बढ़ेगा भारत

वित्त मंत्री ने वर्ष 2018 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: 7.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई और कहा कि उभरते बाजार संरक्षणवाद की अंतर्मुखी नीतियों एवं बढ़े भूराजनीतिक तनाव के रूप में नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
वृद्धि के नोटबंदी से पूर्व की अवस्था में आने की संभावना: एस एंड पी

वृद्धि के नोटबंदी से पूर्व की अवस्था में आने की संभावना: एस एंड पी

नोटबंदी का प्रभाव अब कमजोर पड़ रहा है और वृद्धि के नोटबंदी से पूर्व की अवस्था में आने की संभावना है लेकिन अर्थव्यवस्था की साफ तस्वीर जून के अंत तक ही उपलब्ध होगी। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को यह बात कही।
'आज भी अपने देश में 6.3 करोड़ लोगों को नहीं मिलता स्वच्छ पानी'

'आज भी अपने देश में 6.3 करोड़ लोगों को नहीं मिलता स्वच्छ पानी'

विश्व जल दिवस से एक दिन पूर्व जारी एक नई वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छह करोड़ 30 लाख लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में यह संख्या सबसे ज्यादा है।
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