मालदीव की सरकार ने आज देश में आपातकाल घोषित कर दिया। इससे सुरक्षा बलों को काफी शक्तियां हासिल हो गई हैं। देश की राजधानी के साथ ही एक रिसॉर्ट पर हथियार और विस्फोटक मिलने के बाद आपातकाल की घोषणा की गई।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अपने वार्षिक आर्थिक आउटलुक अपडेट में चीन और भारत की अर्थव्यवस्थाओं की समीक्षा की है। वैश्विक संस्था ने एक ओर जहां चीन की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा है कि इसका पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र पर असर पड़ेगा वहीं भारत के बारे में कहा है कि और तेज विकास के लिए उसे कड़े आर्थिक सुधारों के दूसरे चरण की शुरुआत करनी होगी।
देश में आपातकाल की घोषणा कर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जितनी आलोचनाएं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके राजनीतिक दल की झेलीं, उतनी आलोचना शायद ही किसी और राजनीतिक दल ने की हो। लेकिन अब खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टीवी राजेश्वर की मानें तो संघ ने भी आपातकाल का समर्थन किया था और उस वक्त के संघ प्रमुख बालासाहेब देवरस ने इंदिरा गांधी से संपर्क साधने की भी कोशिश की थी।
चीन में एक महिला अपने पति की नौकरी बचाने की खातिर आठ माह का गर्भ गिराने की गैरकानूनी पहल पर विचार कर रही है। दरअसल आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे चीन में छंटनी का दौर चल रहा है और वहां शहरी क्षेत्र में सिर्फ एक बच्चे को ही जन्म देने का कानून है।
वैश्विक नरमी के बीच अर्थव्यवस्था कैसे प्रोत्साहित हो इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के जाने-माने उद्योगपतियों, बैकरों, अर्थशास्त्रियों और मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक का विषय था, हाल का वैश्विक घटनाक्रम-भारत के लिए अवसर। वैश्विक स्तर मंदी को लेकर चल रहे उठा-पटक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चितिंत कर दिया है। इसी चिंता का परिणाम है वह लगातार उद्योग संगठनों और उद्योगपतियों से मिल रहे हैं। इससे पहले 30 जून को भी प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों और उद्योग संगठनों से चर्चा की थी।
बम की धमकी के बाद मंगलवार को बैंकॉक से इस्तांबुल जा रहे तुर्की एयरलाइंस के विमान की दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतररराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग कराई गई। सूत्रों ने बताया कि एयरबस 330 विमान दोपहर में करीब 1.41 बजे सुरक्षित उतरा।
प्रख्यात समाजवादी चिंतक, संपादक और कवि कमलेश का शनिवार सुबह दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 78 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
वर्ष 1975 की 25 जून को इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की और भारतीय राजनीति के इस काले अध्याय से जुड़ी घटनाओं को तब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एमसीडी बीट कवर करने वाली पत्रकार कूमी कपूर ने किताब की शक्ल दी है। यहां हम इस पुस्तक के कुछ अंशों को पाठकों के सामने ला रहे हैं जिनमें आपातकाल से ठीक पहले की घटनाओं का जिक्र है।
40 साल पहले आपातकाल के रूप में हुई लोकतंत्र की हत्या के लिए अक्सर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा भी कई अहम किरदार आपातकाल में अहम भूमिका निभा रहे थे।