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राहुल ने पूछा, किसानों के अच्छे दिन कब आएंगे

राहुल ने पूछा, किसानों के अच्छे दिन कब आएंगे

ओडिशा में किसान बचाओ पदयात्रा की शुरुआत करते हुए राहुल गांधी ने आज नरेंद्र मोदी सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि किसानों के लिए अच्छे दिन कब आएंगे।
कमी नहीं, किसानों की आत्महत्या होनी ही नहीं चाहिएः अदालत

कमी नहीं, किसानों की आत्महत्या होनी ही नहीं चाहिएः अदालत

देश में किसानों की आत्महत्या के मामलों में व्यापक कमी आने संबंधी केंद्र सरकार के दावों से उच्चतम न्यायालय आज संतुष्ट नहीं हुआ और उसने कहा कि एक भी ऐसा मामला नहीं होना चाहिए। साथ ही न्यायालय ने आठ साल पुरानी कृषि नीति पर फिर से गौर करने के बारे में केंद्र से जवाब मांगा है।
आकाशवाणी के कैजुअल एनाउंसर ने किया प्रदर्शन

आकाशवाणी के कैजुअल एनाउंसर ने किया प्रदर्शन

आकाशवाणी के जरिए अपनी बात कहने वाले देश भर के कैजुअल एनाउंसर और कंपीयर ने जंतर-मंतर पर अपने हक के लिए आवाज बुलंद की। तीन और चार अगस्त के दो दिन के धरना-प्रदर्शन में इन कैजुअल एनाउंसर ने केंद्र सरकार और प्रसार भारती के रहनुमाओं तक अपनी 'मन की बात' पहुंचाने की पूरी कोशिश की।
पंजाब से बाहर भी पंजाबी मछली के चटखारे

पंजाब से बाहर भी पंजाबी मछली के चटखारे

गेंहू और चावल उगाने वाले पंजाब के उन किसानों के लिए अच्छी खबर है, जो कई सालों से इस फसल में घाटा खा रहे हैं। कर्ज चले दबे हैं। लगातार पंजाब ने मछली पालन में पहला स्थान बरकरार रखा हुआ है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने अब मछली पालन को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। सरकार ने पूरे पंजाब में मछली पालन में 50 फीसदी सब्सिडी का एलान किया है। यही नहीं सरकार इसे अब वैज्ञानिक स्तर पर शुरू करने जा रही है। जिसके तहत पंजाबी की मछली का बड़े स्तर पर बाहर के देशों में भी निर्यात किया जाएगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार को दी‌ झिड़की

दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार को दी‌ झिड़की

अप्रैल में जंतर-मंतर पर आयोजित आम आदमी की पार्टी की रैली में कथित तौर पर फांसी लगा लेने वाले राजस्थान के किसान को शहीद का दर्जा दिए जाने के दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल के फैसले पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार से जवाब-तलब किया।
क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

क्यों नहीं हिली पवार की कुर्सी?

महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना भले ही मिलकर सरकार चला रहे हों मगर अब यह साफ हो चुका है सहयोग का यह भाव सिर्फ सरकार चलाने तक ही सीमित है। हकीकत यह है कि दोनों पार्टियां एक दूसरे को पटकनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।