मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के भाटन गांव में दर्दनाक घटना सामने आई है। बुधवार को एक पटाखा फैक्टरी में भीषण आग लग जाने के कारण 25 श्रमिकों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए।
यूपी के बरेली में दर्दनाक हादसा हुआ। रविवार देर रात ट्रक व बस की भीषण टक्कर से दोनों में आग लग गई जिससे बस में सवार 22 यात्रियों की जलकर मौत हो गई। करीब 15 बुरी तरह जख्मी हो गए। हादसे के बाद ट्रक ड्राइवर मौके से फरार हो गया।
पुडुचेरी की उप-राज्यपाल किरण बेदी और सीएम नारायण सामी के बीच तकरार बढ़ती ही जा रही है। सीएम नारायण सामी के बयान के बाद किरण बेदी ने भी सीएम पर पलट वार किया है। किरण बेदी ने कहा कि सीएम बताएं कि वह एक रबड़ स्टैंप चहातें है या फिर एक जिम्मेदार प्रशासक।
नक्सलियों ने 29 मई को झारखंड में बंद का आह्वान किया है। इस दौरान नक्सलियों ने हजारीबाग स्टेशन के पास पटरी को उड़ा दिया। एक बोलेरो गाड़ी को भी नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया।
दिल्ली के चांदनी चौक मेन बाजार में सोमवार देर रात आग लग गई, जिससे वहां की करीब 150 दुकानें जलकर खाक हो गईं। आग की घटना कटरा धुलिया बाजार की संकरी गलियों में घटित हुई। जहां दमकल की गाड़ियां भी मुश्किल से पहुंच सकीं। चूंकि इस इलाके के अधिकांश भाग में सिंथेटिक माल और लकड़ी का कारोबार होता है इसलिए आग बड़ी तेजी से फैलती चली गई। आग पर काबू पाने में करीब तीन घंटे का समय लगा।
उत्तर प्रदेश के संभल में कल रात कई घरों में आगजनी और लूटपाट की घटनाएं हुई है। क्षेत्र का वातावरण तनावग्रस्त होने के नाम से गांव से पलायन की भी खबर आ रही है।
केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री :स्वतंत्र प्रभार: अनिल माधव दवे ने प्राकृतिक खेती को विशेष रूप से नर्मदा नदी के बेल्ट में बड़ी तादात में बढ़ावा देने का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि खेती में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को रोका जाये, ताकि समूचे देश के कृषि क्षेत्र में उपयोग किये जा रहे रासायनिक उर्वरकों के हानिकारक प्रभावों से लोगों को बचाया जा सके।
तुगलकाबाद के कंटेनर डिपो में रखे एक कंटेनर से गैस लीक होने से दो स्कूलों के 310 से ज्यादा बच्चों की तबीयत खराब हो गई। बच्चों के साथ साथ 9 स्कूल टीचर्स को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिस कंटेनर से गैस लीक हुई थी उसमें उपयोग होने वाले कैमिकल का नाम सामने आ गया है।
तुगलकाबाद कंटेनर डिपो में बायोकेमिकल के रिसाव ने एक बार फिर सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, जिस कंटेनर में यह हादसा हुआ, उस पर खतरनाक कैमिकल का लेबल भी चस्पा नहीं किया गया था। यह रिसाव ज्यादा होता तो भोपाल गैस कांड जैसा हादसा हो सकता था। इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है, यह बड़ा सवाल है।