देश के सैनिकों की दशकों से उठ रही वन रैंक वन पेंशन की मांग को पूरा करने में हीला हवाली कर रही केंद्र सरकार देश के उच्च न्यायालयों के जजों को वन रैंक वन पेंशन देने की तैयारी कर चुकी है।
नए-नए खुलासे कर अपने साथ कई लोगों को लपेटने वाले ललित मोदी के मददगारों की सूची लंबी होती जा रही है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों पर भी लंदन में मोदी को मदद पहुंचाने के आरोप लगे हैं।
अखिल भारतीय बार संघ (एआईबीए) ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से शिकायत की है कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में कम से कम 125 जजों की नियुक्ति प्रक्रिया में देरी पूर्ववर्ती कॉलेजियम प्रणाली खत्म करने से उत्पन्न हुई संवैधानिक शून्यता के कारण हो रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के गठन में भी देर की जा रही है।
बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय खंड पीठ के सामने जिस तरह सरकार और पीठ के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, उसे देखते हुए अब तक फुसफुसाए जा रहे कुछ सवाल थोड़ा ज्यादा जोर से सुनाई पडऩे लग गए हैं। क्या कार्यपालिका और न्यायपालिका एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रही हैं? क्या संसद ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक पारित करने में हड़बड़ी दिखाई ?