बेंगलुरू में भारत-जर्मनी व्यवसायी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने अपने-अपने देश मे निवेश के लिए उद्योग जगत का आह्वान किया।
भारत, अमेरिका और जापान के बीच बुधवार विदेश मंत्री स्तर की पहली बैठक होगी जो एशिया प्रशांत क्षेत्र की तीन शक्तियों की गोलबंदी प्रतिबिंबित करती है जबकि अधिकारियों का कहना है कि इसका लक्ष्य क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और जापानी विदेश मंत्री फुमियो किशीदा संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र से इतर मिलेंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई के इस्तीफे से माओवादी पार्टी में दो-फाड़ की आशंका तेज, भारत का सीमा पर दबाव बढ़ा, आपूर्ति रोकने से जरूरी चीजों का संकट
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान ने कहा है कि पीसीबी अब दिसंबर में यूएई में प्रस्तावित शृंखला खेलने के लिये भारत से नहीं कहेगा। शहरयार ने कराची में पत्रकारों से कहा, ‘मुझे लगता है कि हम इस शृंखला के बारे में बहुत कुछ कह चुके हैं और अब हम उसने और नहीं कहेंगे। गेंद अब उनके पाले में है और उन्हें तय करके हमें इस शृंखला के भविष्य के बारे में बताना होगा।
बांग्लादेश की पहली यात्रा पर शनिवार को ढाका पहुंच रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भव्य स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं और दोनों देशों को इस यात्रा से दि्वपक्षीय संबंधों के नई ऊंचाइयों तक पहुंचने तथा आर्थिक एवं व्यापार संबंधों की संभावनाओं के पर्याप्त दोहन की उम्मीद है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के विवादित हिस्से गिलगित बालतिस्तान में आने वाले 8 जून को चुनाव हो रहे हैं। भारत इस कब्जे को हमेशा से अवैध बताता है। भारत ने इस चुनाव पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
पहले भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित इस्राइल यात्रा 1992 में शुरू हुई लंबी प्रक्रिया की तार्किक परिणति है, लेकिन ऐसे वक्त में हो रही है जब थोड़ा संतुलन साधने की जरूरत है।
सौरव गांगुली के भारतीय क्रिकेट टीम के साथ कोच के रूप में जुड़ने की अटकलबाजियों के बीच बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने आज कहा कि बोर्ड को अभी इस पर फैसला करना है। कयास लगाये जा रहे हैं कि गांगुली राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के सलाहकार पैनल के अध्यक्ष, हाई परफॉर्मेंस मैनेजर, टीम निदेशक या मुख्य कोच कुछ भी बनाए जा सकते हैं।
क्या बिना मीट परोसे आप किसी को सिर्फ मीट मसाला खिला सकते हैं? कूटनीतिक और राजनयिक समाचार कथाओं के संदर्भ में भारतीय मीडिया अक्सर यही करता है। वह मसाला चखाने के चक्कर में मीट परोसना भूल जाता है। विदेश नीति और राजनय से संबंधित घटनाक्रम अक्सर आम जनजीवन से इतने दूर और ओट में होते हैं कि आम दर्शक अमूमन मसाले को ही मीट समझने की भूल कर बैठता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा की राजनयिक कथा में मंगोलिया दौरे की उपकथा की अहमियत भारतीय मीडिया की नजरों से ओझल रही और यह अहम उपकथा आम भारतीय दर्शक या पाठक की प्लेट में परोसी ही नहीं गई।