अभिनेता रणबीर कपूर की हालिया फिल्में भले ही बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई हों लेकिन बॉलीवुड अभिनेत्री और उनकी कथित प्रेमिका कटरीना कैफ का कहना है, समर्पित, जोशीले और केंद्रित अभिनेता निश्चित रूप से अच्छी वापसी करेंगे।
हिंदी फिल्म जगत के महान कलाकार गुरूदत्त, वहीदा रहमान और माला सिन्हा की अदाकारी से सजी कालजयी फिल्म प्यासा को अगले महीने होने वाले वेनिस फिल्मोत्सव के लिए फिर से इसके मूल स्वरूप में ढाला गया है।
कैमरे पर सच दिखाने की हिमाकत का नतीजा यह रहा कि कोलकाता पुलिस गौतम कुमार विश्वास को बालों से नोचती हुई घसीट कर ले गई। उन्हें जहां चाहा मारा। लातें, घूसे सब। गौतम कोलकाता के फ्रीलांस पत्रकार हैं, जो पुलिस और प्रशासन की पोल खोलती फिल्में बनाते हैं। जान की परवाह किए बिना भ्रष्ट तंत्र से टकराने वाले गौतम के महीने के आधे से ज्यादा दिन अदालतों में जाते हैं। उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा वकीलों को जा रहा है लेकिन फिर भी गौतम इस घुन लगी व्यवस्था के आगे न झुकते हुए बखूबी अपना काम कर रहे हैं।
भारत एक गरीब देश है जैसे निबंध रटने वाले बच्चों को अब यह बताना होगा कि भारत गरीब नहीं रह गया है। कारण? बॉलीवुड पर नजर डाल लें तो पता चलेगा कि भारत में इतना अनाप-शनाप पैसा हो गया है कि ‘ऑल इज वेल’ जैसी फिल्म बनाई जा सकती है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बालीवुड फिल्म ग्रैन्ड मस्ती के टेलीविजन प्रीमियर पर आज रोक लगा दी और कहा कि फिल्म को असीमित लोक प्रदर्शन के लिए सत्यापित नहीं किया गया था और इसका केबल नेटवर्क नियमन कानून के तहत प्रसारण नहीं हो सकता।
प्रसिद्ध निर्देशक आर. बाल्की का फिल्म बनाने का अलग ढंग है। उसी तरह है उनका फिल्मों को अलग तरह के नाम देना। इस बार बाल्की अमिताभ और जया बच्चन को लेकर एक फिल्म बना रहे हैं। नाम रखा है, की एंड का। अब इस नाम के मायने तो फिल्म देख कर ही समझ में आएंगे।
नई फिल्म आने वाली है, तमाशा। निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर का कहना है कि यह ‘इम्तियाज मार्का फिल्म है।’ इस फिल्म में रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण हैं। तमाशा पूरी होने की पार्टी में जब उनसे छोटे भाई आदित्य रॉय कपूर के बारे में पूछ तो उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता आदित्य को मुझसे किसी सलाह की जरूरत है। वह खुद ही अपने करिअर को बेहतर ढंग से संभाल रहा है। अगर आप एक फिल्म पर लगभग एक साल लगाने जा रहे हैं तो वह अच्छी फिल्म के लिए ही होना चाहिए। ऐसे में फिल्मों के चयन को लेकर संजीदा होना अच्छा है।