अमेरिका में शराब के नशे में धुत यात्रियों ने 25 वर्षीय एक सिख कैब चालक से मारपीट की और उसकी पगड़ी खींची। पुलिस इस मामले की जांच संभावित घृणा अपराध के तौर पर कर रही है।
भाजपा ने आज गोवा में भाजपा के सरकार बनाने की तैयारी को लोकतंत्र की हत्या बताने के कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस को दूसरों पर दोष मढ़ने की बजाय आत्मचिंतन करना चाहिए क्योंकि जिसके पास बहुमत होगा, उसे ही सरकार बनाने का न्यौता मिलेगा।
जर्मनी की राजधानी बर्लिन के भीड़भाड़ वाले क्रिसमस बाजार में एक पाकिस्तानी युवक ने ट्रक चढ़ा दिया जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और करीब 50 लोग घायल हो गये। यह हमलावर जर्मनी में शरण मांगने के लिए आया था।
दिल को छू लेने वाली एक पहल के तहत महाराष्ट्र में एक जिलाधिकारी ने बिल्कुल ही निराले अंदाज में सेवानिवृत्त हो रहे अपने ड्राइवर का सम्मान किया। जिलाधिकारी ने ड्राइवर को अपनी सजी-धजी सरकारी गाड़ी में पिछली सीट पर बिठाया और खुद गाड़ी चलाकर कार्यालय तक लेकर गए। सेवानिवृत्ति के दिन अपने उच्चाधिकारी से ऐसी सम्मानजनक विदाई पाकर चालक भाव विह्वल हो उठा।
आस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन शहर में दिल दहला देने वाली एक घटना में भारतीय मूल के 29 वर्षीय एक बस चालक की आज जलने से मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि बस में मौजूद भयभीत यात्रियों के सामने ही एक व्यक्ति ने भारतीय मूल के चालक पर ज्वलनशील तरल पदार्थ उड़ेल दिया, जिसके कारण जलने से उसकी मौत हो गई।
दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2009 में आईटी कर्मी जिगिशा घोष के साथ लूटपाट करने और उसकी हत्या करने के मामले में दो दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने इसे निर्मम हतया करार देते हुए मामले के एक अन्य दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
पाकिस्तानी बोल्ड मॉडल कंदील बलोच की मुल्तान में हत्या करने वाले उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक हत्यारे ने पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने कहा कि ऑनर शान के लिए कंदील की गला दबाकर हत्या की है।
हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व ड्राइवर श्यामवर राय ने अदालत को बताया कि इंद्राणी ने अपनी बेटी की गला दबाकर हत्या करने के शीघ्र बाद एक पार्सल में बंदूक छिपाकर हथियार रखने के एक मामले में उसे फंसाया था। राय इस मामले में इकबाली गवाह बन गया है।
झूठी शान की खातिर 1980 में हुई हत्या के एक मामले में दोषी करार दिए गए बिस्तर पर पड़े 92 वर्षीय एक व्यक्ति को आखिरकार जेल जाना पड़ेगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा काटने के लिए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने से उसे कोई भी छूट प्रदान करने से मना कर दिया।