एक लंबे चौड़े डिस्क्लेमर के बाद बस पांच मिनट में ही दर्शकों को पता चल जाता है कि दरअसल असली "इंदू सरकार" कौन है। लचर नरैशन, उससे भी ढीली पटकथा और अपने पात्र को स्थापित करने के लिए ही मधुर भंडारकर आधा घंटा लेते हैं। मधुर ने फिल्म ऐसे बनाई है जैसे आपातकाल आज लगा हो और उन्हें हर कदम फूंक-फूंक कर रखना है। वरना सावधानी हटी और दुर्घटना घटी जैसा कुछ होगा और वह सीधे तिहाड़ दर्शन कर लेंगे।
क्या इंदु सरकार फिल्म रीलिज होने का यह सबसे मुफीद वक्त है। फिल्म और राजनीति का रिश्ता पुराना है। राजनैतिक घटनाओं पर फिल्में बनती रही हैं और फिल्मी संवादों को बहुत बार संसद में दोहराया गया है। फिल्म का ट्रेलर देख कर लग रहा है कि कांग्रेस की सबसे सशक्त प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कई ऐतिहासिक फैसलों और कामों को छोड़कर सिर्फ आपातकाल के मुद्दे को दिखाना कहीं फिल्मों के जरिए राजनैतिक फायदा उठाना तो नहीं है। अब तक इस ट्रेलर को देख कर चुप्पी भी बहुत सी कहानियों को जन्म दे रही है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार सर्जिकल स्ट्राइक के नायकों का सम्मान दिया जा रहा। इन जवानों को बहादुरी के तमगे दिए जा रहे हैं। वहीं, इस बार गणतंत्र दिवस पर केवल अशोक चक्र दिया जाएगा जो राष्ट्रपति हवलदार हंगपन दादा (मरणोपरांत) की पत्नी को देंगे। इस पुरस्कार की घोषणा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर की गई थी।
पूर्व भारतीय किक्रेटर और सांसद कीर्ति झा आजाद ने नोटबंदी को लेकर वित्त मंत्री अरूण जेटली पर प्रहार करते हुए आज आरोप लगाया कि उनकी अक्षमता के कारण केंद्र सरकार की किरकिरी हो रही है, ऐसे में उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
आंतरिक राजनीति की वजह से भाजपा से निलंबित चल रहे दरभंगा से पार्टी सांसद कीर्ति आजाद ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर एक और निशाना साधा है। नोटबंदी के बाद देश में आर्थिक आपातकाल जैसे हालत के बीच उन्होंने कहा कि जिसकी वॉर्ड चुनाव जीतने की हैसियत नहीं है, वह देश का वित्त मंत्री बन गया है। कीर्ति आजाद ने ट्विटर पर यह बात एक ट्वीट का जवाब देते हुए कही।