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10 अगस्त तक टला भूमि अधिग्रहण विधेयक

10 अगस्त तक टला भूमि अधिग्रहण विधेयक

भूमि अधिग्रहण विधेयक की पड़ताल करने वाली संसद की संयुक्त समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए और चार दिन का समय दे दिया गया है। समिति की हाल ही में हुई बैठक में रिपोर्ट सौंपने के लिए पांच अगस्त तक दो और दिन का विस्तार मांगे जाने का फैसला किया गया था। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के कारण समिति की बैठक दो दिन तक नहीं हो सकी, इसलिए सात अगस्त तक का समय विस्तार मांगने का फैसला किया गया।
आरबीआई गवर्नर के अधिकार में कटौती से पीछे हटी सरकार

आरबीआई गवर्नर के अधिकार में कटौती से पीछे हटी सरकार

नीतिगत ब्याज दर तय करने के मामले में रिजर्व बैंक के गवर्नर के अधिकार में कटौती के प्रस्ताव वाले विधेयक के मसौदे पर सरकार पीछे हट गई है और उसने मंगलवार को कहा कि यह निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं है कि वह केंद्रीय बैंक के गवर्नर के अधिकाराें में कमी करना चाहती है।
हंगामे के बावजूद सरकार अब सदन में काम कराएगी

हंगामे के बावजूद सरकार अब सदन में काम कराएगी

ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने सोच लिया है कि संसद में विपक्षी दलों के हंगामे के बावजूद जरूरी विधायी कार्य निपटाएगी। इसकी एक बानगी शुक्रवार को लोकसभा में देखने को मिली जब कांग्रेस, वामदलों एवं कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बावजूद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा की कार्यवाही स्‍थगित नहीं की और प्रश्नकाल का संचालन होता रहा।
भारत-बांग्लादेश सीमा समझौते पर अमल

भारत-बांग्लादेश सीमा समझौते पर अमल

चार दशक से अधिक समय तक इंतजार के बाद भारत और बांग्लादेश अपने ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते का क्रियान्वयन होने के साथ कल से 162 एन्क्लेवों का आदान-प्रदान शुरू करेंगे।
संसद के बाहर भी सरकार को घेरने में जुटे राहुल

संसद के बाहर भी सरकार को घेरने में जुटे राहुल

कांग्रेस पार्टी जहां एनडीए सरकार को संसद के अंदर घेरने में जुटी है वहीं पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद के बाहर भी मोर्चा खोल दिया है। यह मोर्चा उन्होंने दक्षिण भारत में खोला है जहां वह आम लोगों के बीच सरकार के खिलाफ निशाना साध रहे हैं। गुरुवार से शुरू हुआ उनका दक्षिण भारत अभियान शुक्रवार को भी जारी रहा। शुक्रवार को उन्होंने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में विवादास्पद भूमि विधेयक को लेकर राजग सरकार पर निशाना साधा।
संसद में 64 विधेयक लंबित

संसद में 64 विधेयक लंबित

विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक सहित 64 विधेयक संसद में विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। विधायी घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक अध्ययन समूह ने ये जानकारी दी है।
विपक्ष के ‌बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार

विपक्ष के ‌बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार

मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में विपक्ष के बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार जुट गई है। हालांकि भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर ज्यादातर विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं लेकिन अन्‍य मुद्दों पर कुछ दल चुप्पी साधकर सरकार का साथ दे सकते हैं।
हड़ताल: एक दिन के लिए गुल हो सकती है बत्‍ती

हड़ताल: एक दिन के लिए गुल हो सकती है बत्‍ती

विद्युत संशोधन विधेयक, 2014 का विरोध कर रहे बिजलीकर्मियों तथा अभियंताओं की एक राष्ट्रीय समिति ने मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान इस विधेयक को पेश किए जाने वाले दिन देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने सोमवार को लखनऊ में बताया कि बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर देश के 12 लाख बिजली कामगार और इंजीनियर संसद के मानसून सत्र के दौरान एक दिन की हड़ताल के लिए तैयार हैं।
मोदी के सीने को 5.6 इंच का कर देंगेः राहुल

मोदी के सीने को 5.6 इंच का कर देंगेः राहुल

भूमि विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जयपुर में शुक्रवार को कहा कि यदि भूमि विधेयक मानसून सत्र के दौरान संसद में आता है तो उनकी पार्टी इसे पारित नहीं होने देगी। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर चुटकी लेते हुए कहा कि किसान छह महीने में उनके 56 इंच के सीने को 5.6 इंच के सीने में बदल कर रख देंगे और एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर केंद्र से मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की वैधानिकता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद आज केंद्र सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। यह याचिका अध्यादेश के जरिए फिर से लागू भूमि अधिग्रहण कानून की वैधानिकता को चुनौती देते हुए किसानों के एक संगठन दिल्ली ग्रामीण समाज की ओर से दायर की गई थी। न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ और आदर्श कुमार गोयल की खंडपीठ ने किसानों के संगठन की इस जनहित याचिका पर केंद्र सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
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