रविवार को प. बंगाल के सात जगहों- बुनियादपुर, धूपगुड़ी, दुर्गापुर, हल्दिया, पांसकुरा, कूपर्स कैम्प और नैहाटी में हुए निकाय चुनाव में भ्ााजपा को करारा झटका लगा है।
सीटों के आरक्षण की अधिसूचना 27 सितंबर तक जारी हो जाएगी। इसके अलावा 7 अक्टूबर तक आपत्तियों का निपटारा कर लिया जाएगा। इसके बाद 25 अक्टूबर को निकाय चुनाव अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
महाराष्ट्र में मां-बेटे के रिश्ते को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। पद के लालच में एक मां ने यहां अपने तीसरे बच्चे को नकार दिया। बाद में मामले के कोर्ट पहुंचने पर वहां डीएनए टेस्ट से मां के झूठ का खुलासा हुआ।
उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भले ही समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठजोड़ हुआ हो, लेकिन अब दोनों के रास्ते अलग-अलग हो गए हैं। इस खबर की जानकारी देते हुए सपा-कांग्रेस गठबंधन की करारी हार के बाद यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि कांग्रेस यूपी में होने वाले निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी।
बीएमसी यानि बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनाव में वोटों की गिनती जारी है। अब तक नतीजों में शिवसेना सबसे आगे है। भाजपा दूसरे स्थान पर है। कांग्रेस, एनसीपी और एमएनएस के लिए बुरी खबर है। मुंबई के अलावा नौ अन्य महानगरपालिकाओं में भी चुनाव हुए थे।
बृहन्मुंबई महानगर पालिका चुनाव में वोटों की गिनती अपने आखिरी चरण में है। 277 में से 225 सीटों के नतीजे आ चुके हैं। शिवसेना को 84, भाजपा को 81, कांग्रेस को 31, एनसीपी को 9, एमएनएस को 7 और अन्य को 14 सीटें मिली हैं। दो सीटों पर अभी गिनती जारी है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने फरीदाबाद नगर निगम में भाजपा को मिली जीत को नोटबंदी के फैसले पर जनता की मुहर करार दिया और कहा कि यह ऐतिहासिक विजय भाजपा की विकासोन्मुखी नीतियों तथा सबका साथ, सबका विकास की विचारधारा की जीत है।
निर्वाचन आयोग ऐसे 200 से अधिक दलों के वित्तीय मामलों की जांच करने के लिए आयकर अधिकारियों को पत्र लिखने वाला है, जिन्हें उसने चुनाव न लड़ने के कारण सूची से बाहर किया है। आयोग ने बीते कुछ समय में ऐसे विभिन्न दलों की पहचान की है, जिन्होंने वर्ष 2005 से चुनाव नहीं लड़ा है। आयोग ने ऐसे 200 से अधिक दलों को सूची से बाहर किया है।
महाराष्ट्र की राजनीति में अहम दखल रखने वाली शिवसेना ने राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा की जीत को नोटबंदी से जोड़ने को मूर्खता करार दिया है। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना आपस में सहयोगी दल हैं। लेकिन भाजपा के प्रदर्शन की सराहना करने की बजाए शिवसेना ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि जो लोग भगवा दल की जीत को नोटबंदी से जोड़ रहे हैं वे मूर्ख हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी बेटे को अपने माता पिता के खुद की अर्जित किये गये घर में रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है और वह केवल उनकी दया पर ही वहां रह सकता है, फिर चाहे बेटा विवाहित हो या अविवाहित।