एक मई से रेरा एक्ट लागू हो गया है। रीयल इस्टेट सेक्टर में हो रही मनमानी के मद्देनजर ‘द रीयल इस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 2016’ (रेरा) को प्रभावी किया गया है।
देश भर में गौरक्षा के नाम पर बढ़ती गुंडागर्दी के बीच जम्मूूूू-कश्मीर से भी इस तरह की खबर आई है। कथित गौरक्षकों ने 9 साल की एक बच्ची समेत पांच लोगों के साथ मारपीट की, जिससे उन्हें काफी चोटें आई हैं।
यूपी में बूचड़खानों पर कार्रवाई करने के बाद अन्य भाजपा शासित राज्यों में भी गौ हत्या पर प्रतिबंध के साथ बीफ पर पाबंदी लगाने की मांग उठ रही है। यूपी के साथ भाजपा ने गोवा में भी सरकार बनाई है। गोवा में लेकिन भाजपा ने गौ हत्या और बीफ पर पाबंदी के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। हालांकि गोवा में भाजपा की गठबंधन सरकार के सहयोगी दल अब गौ हत्या और बीफ पर पाबंदी की मांग करने लगे हैं। सहयोगी दलों की मांग के बाद भाजपा गौ हत्या और बीफ के मसले पर घिरती नजर आ रही है।
कथित गोरक्षक की गुंडागर्दी को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। मोहन भागवत का कहना है कि गोकशी के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा गोरक्षा के उद्देेेेश्य को ही नुकसान पहुंचाती है। कानून का हर हाल में पालन किया जाना चाहिए।
गौरक्षा के नाम पर बढ़ती गुंडागर्दी और अलवर में गौवंश ले जाते व्यक्ति की हत्या के आरोपों के बीच राजस्थान से एक और खबर आई है। गौसेवा हेतु धन जुटाने के लिए राजस्थान सरकार ने 10 प्रतिशत सेस लगा दिया है। एक अप्रैल से यह सेस गैर-न्यायिक स्टाम्प पर सरचार्ज के तौर पर वसूला जाएगा।
गौ-रक्षा के नाम पर हाल के दिनों में हुई हिंसक घटनाओं से जुड़ी याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से तीन हफ्ते के भीतर अलवर में हादसे से जुड़े सवालों के जवाब मांगे हैं। देशभर में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर राजस्थान समेत छह अन्य राज्यों को भी नोटिस जारी किया है। ये राज्य हैं गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, झारखंड, कर्नाटक, और राजस्थान।
राजस्थान के अलवर में गाय ले कर जा रहे एक व्यक्ति की गौरक्षकों द्वारा कथित रूप से बुरी तरह पीटे जाने के बाद उपचार के दौरान उसकी मौत होने की घटना से इंकार करने के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के राज्यसभा में दिए गए बयान को ले कर कांग्रेस सदस्यों ने शुक्रवार को उच्च सदन में हंगामा किया और सदन को गुमराह करने के लिए उनसे माफी की मांग की।
राज्यसभा में गुरुवार को उप सभापति पी जे कुरियन ने सरकार से राजस्थान के अलवर में गौरक्षकों द्वारा कथित तौर पर मारपीट किए जाने के संबंध में जांच करने और सदन को तथ्यों से अवगत कराने के लिए कहा।