लोकसभा में सोमवार को उस समय अजिबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब विपक्ष के एक सदस्य ने अध्यक्ष के आसन पर ही एक प्रकार से हमला कर दिया। घटना उस समय हुई जब सदन में अध्यक्ष के आसन के निकट आकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग कर रहे कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने हाथ में ली हुई तख्ती को अध्यक्ष की मेज पर जोर से पटक दिया। इसके बाद हुए शोरशराबे की वजह से सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।
जुलाई का एक सप्ताह निकलने के साथ देश मौसम विभाग ने फिर से देश में कमजोर मॉनसून की आशंका जताई है और कहा है कि जुलाई माह में अभी तक पश्चिमोत्तर क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी इलाकों में बारिश नकारात्मक रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से 8 जुलाई तक देश में बारिश चार प्रतिशत कम रही है। मध्य भारत में जून में बारिश अच्छी रही थी, लेकिन अब वहां बारिश आठ प्रतिशत कम है।
मुंबई और इसके उपनगरों में मूसलाधार बारिश से आज जनजीवन ठप हो गया। भारी बारिश के कारण लोकल ट्रेनों की सेवाएं रद्द हो गईं जिससे हजारों मुसाफिर फंस गए। हालात में फिलहाल सुधार होने के कोई आसार नहीं हैं क्योंकि मौसम विभाग ने कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी मानसूनी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र की वजह से महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भारी बारिश होने की उम्मीद है। लेकिन इससे मानसून के आगे बढ़ने की गति प्रभावित हो सकती है।
चार दिन की देरी की बाद शुक्रवार को मानसून केरल पहुंच गया है। राज्य के अधिकांश इलाकों में बारिश हुई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के दौरान मानसून के आगे बढ़ने की उम्मीद जताई है। आगामी 22-23 जून तक यह उत्तर व उत्तर पश्चिमी भारत पहुंच सकता है।
मानसून की बारिश इस बार सामान्य से और कम होने की आशंका है। पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि इस बार बारिश सामान्य से 12 प्रतिशत कम रह सकती है। इस आशंका ने शेयर बाजार की सेहत भी बिगाड़ दी है और मंगलवार को सेंसेक्स 600 अंक से ज्यादा लुढ़क गया।
मौसम विभाग के अनुमानों पर पानी फेरता हुए मानसून पिछले हफ्ते भर से श्रीलंका के आसपास ठहरा हुआ है। मौसम विभाग ने अब 4 जून तक मानसून के केरल तट पर पहुंचने की उम्मीद जताई है।
भीषण गर्मी और लू से अब तक देश में 1100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके बावजूद अभी तक इसे राष्ट्रीय आपदा नहीं माना जा रहा है। नेपाल भूकंप में तुरंत राहत पहुंचाने वाली केंद्र सरकार भी इस मामले को हल्के में ले रही है।