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भीष्म साहनी का आज का अतीत

भीष्म साहनी का आज का अतीत

लोगों की पहचान, संस्कृति और राजनीति को आकार देने के पीछे न अनगिनत आंदोलनों और अभियानों का हाथ होता है। शायद अनगिनत, और भीष्म साहनी जैसी शख्सियत को गढ़ने में भी स्वतंत्रता आंदोलन, पूर्वाग्रहों और अज्ञानता से जंग के कई अभियान गुजरे होंगे इसलिए उनका जीवन और उनके संस्मरण आज के दौर के लिए प्रासंगिक हैं।
जामिया दीक्षांत समारोह में पीएम मोदी को न्‍यौता

जामिया दीक्षांत समारोह में पीएम मोदी को न्‍यौता

दिल्ली स्थित देश के प्रतिष्ठित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्‍वविद्यालय ने इस साल अपने दीक्षांत समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि बनने का न्यौता दिया है। हालांकि अभी तक विश्वविद्यालय को इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई स्वीकृति नहीं मिली है।
एक पत्रकार जो फिल्म की कहानी बन गया

एक पत्रकार जो फिल्म की कहानी बन गया

गरीबी और भ्रष्टाचार को कैमरे से कैद करने वाला एक युवा पत्रकार खुद फिल्म की कहानी बन गया। वह छोटे-छोटे सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार और गरीबी पर वीडियो बना उन्हें इंटरनेट पर लोड कर देता। उसकी कहानियां वाशिंगटन डीसी के लॉयरेल ग्वीज डेक और ग्रेगरी वॉल्स ने देखी तो उसपर फिल्म बनाने के लिए भारत आ पहुंचे। फिल्म लगभग तैयार है।
भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

भीष्म साहनी के जन्म शताब्दी वर्ष में 'चीफ की दावत'

लेखक परिचय: 8 अगस्त 1915 में रावलपिंडी में जन्म। आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में एक। सन 1937 में लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद उन्होंने सन 1958 में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। विभाजन के बाद भारत आकर समाचार पत्रों में लिखा और भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से भी जुड़े। अंबाला और अमृतसर में अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में भी साहित्य के प्रोफेसर रहे। भाग्य-रेखा, पहला पाठ, भटकती राख, पटरियां, वाङचू, शोभायात्रा, निशाचर, पाली नाम से कहानी संग्रह के साथ झरोखे, कड़ियां, तमस, बसंती, मय्यादास की माड़ी, कुंतो, नीलू नीलिमा नीलोफर उपन्यास बहुत चर्चित रहे। इस साल उनका जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सन 1975 में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और इसी वर्ष शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार) मिला। सन 1980 में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, 1983 में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड और 1998 में पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया।
मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान यानी श्मशान के इर्द-गिर्द भी प्रेम पनपता है। जलती चिता से उठती चिंगारियां दिल की कोमलता को नहीं झुलसा पातीं। नीरज घायवन ने कम संसाधनों में एक बढ़िया फिल्म रच दी है। दो कहानियां अतंतः एक ही मंजिल को पहुंचती हैं, त्रासदी।
मुकेश मीणा के खिलाफ हाईकोर्ट गई दिल्ली सरकार

मुकेश मीणा के खिलाफ हाईकोर्ट गई दिल्ली सरकार

दिल्ली में उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त एंटी करप्‍शन ब्यूरो (एसीबी) के प्रमुख मुकेश मीणा की नियुक्ति को दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसके बाद दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद और गहरा गया है।
अंबानी, अडानी और वेदांता को राहत, अन्य 22 सेज रद्द

अंबानी, अडानी और वेदांता को राहत, अन्य 22 सेज रद्द

सरकार ने तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम और टयू डेवलपर्स सहित 22 विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की मंजूरी रद्द कर दी है। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में संतोषजनक प्रगति नहीं होने की वजह से मंजूरी रद्द की गई।
दिल्‍ली की जंग: एसीबी चीफ को चार्ज लेने से रोका, गृह सचिव को हटाया

दिल्‍ली की जंग: एसीबी चीफ को चार्ज लेने से रोका, गृह सचिव को हटाया

दिल्‍ली के एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो पर कब्‍जे की जंग तेज होती जा रही है। दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल की ओर से नियुक्‍त एसीबी के चीफ एमके मीणा को दिल्‍ली सरकार ने यह कहते हुए चार्ज लेने से रोक दिया कि एसीबी में संयुक्‍त आयुक्‍त का कोई पद नहीं और एसीबी में पहले से एक प्रमुख मौजूद है। दिल्‍ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति का आदेश जारी करने वाले राज्‍य के गृह सचिव धर्म पाल को भी हटाने का फैसला किया है। हालांकि, उपराज्‍यपाल नजीब जंग ने गृह सचिव को हटाने से इन्‍कार कर दिया है जबकि एमके मीणा का कहना है कि वह एसीबी प्रमुख का चार्ज ले चुके हैं। इस बीच, दिल्‍ली सरकार ने एसीबी में मीणा की नियुक्ति के आदेश को भी गृह विभाग से रद्द करवा दिया है।
काले धन पर वही ढाक के तीन पात

काले धन पर वही ढाक के तीन पात

स्विट्जरलैंड में आधिकारिक तौर पर ताजा सार्वजनिक किए गए बीसियों विदेशी स्विस बैंक खाता धारकों में मात्र पांच भारतीय खाताधारकों के होने से एक बार फिर साफ हो चला है कि विदशों में अवैध धन जमा कराने वाले भारतीयों के मामले में दिखावटी शोर ज्यादा और वास्तविक कार्रवाई कम हो रही है।
विश्व की शक्तिशाली कंपनियों में भारत की 56 कंपनियां: फोर्ब्स

विश्व की शक्तिशाली कंपनियों में भारत की 56 कंपनियां: फोर्ब्स

विश्व की 2000 सबसे बड़ी और शक्तिशाली सूचीबद्ध कंपनियों में से 56 भारत में हैं। यह बात फोर्ब्स की सालाना सूची में कही गई जिसमें 579 कंपनियों के साथ अमेरिका शीर्ष पर है।
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