Advertisement

Search Result : "near Data Darbar"

अब बच्चे ज्यादा ‘स्मार्ट’ हो गए हैं

अब बच्चे ज्यादा ‘स्मार्ट’ हो गए हैं

एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार चार सालों में किशोरवय बच्चों द्वारा टीवी पर वीडियो देखने के समय में 50 प्रतिशत की कमी आई है जबकि इसी उम्र के बच्चों में स्मार्ट फोन पर बिताने वाले समय और इस पर देखे जाने वाले वीडियो में खरच होने वाला समय 85 प्रतिशत बढ़ा है।
मुख्यमंत्री के जनता दरबार में नीतीश पर युवक ने फेंकी चप्पल

मुख्यमंत्री के जनता दरबार में नीतीश पर युवक ने फेंकी चप्पल

बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को जनता दरबार कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक युवक ने चप्पल फेंकीं। हालांकि चप्पल नीतीश कुमार को नहीं लगी और उनकी बगल में जाकर गिरी। जिसके बाद वहां मौजूद सुरक्षा बलों ने उस युवक को गिरफ्तार कर लिया।
वर्ष 2015-16 के लिए सिर्फ चार प्रतिशत लोगों ने भरा आईटीआर

वर्ष 2015-16 के लिए सिर्फ चार प्रतिशत लोगों ने भरा आईटीआर

बीते वित्त वर्ष में महज 10 लाख ईमानदार लोगों ने आयकर रिटर्न भरते हुए घोषित किया कि उनकी सालाना आय 10 लाख रुपये से अधिक है। सरकार द्वारा जारी आंकडों से यह भी खुलासा हुआ है कि वर्ष 2015-2016 के दौरान सिर्फ चार प्रतिशत लोगों ने ही आयकर रिटर्न भरा।
आधार कार्ड अनिवार्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

आधार कार्ड अनिवार्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने आधार कार्ड की अनिवार्यता पर बरकरार संशय को खत्म करते हुए आज व्यवस्था दी कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना में पंजीकरण के लिए एकत्र व्यक्तिगत बायोमेट्रिक आंकड़ों को साझा करने से भी प्राधिकारियों पर रोक लगा दी।
राजद के बिहार बंद से जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

राजद के बिहार बंद से जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

सोमवार को राजद द्वारा किए गए बिहार बंद के चलते पूरे बिहार में आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। राजधानी पटना में इस बंद का खासा असर देखा गया। दुकानें, शैक्षणिक संस्थानों को जबरन बंद कराए जाने और कई ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिए जाने के कारण पूरे बिहार में आम जीवन प्रभावित रहा। पटना में लालू यादव बंद का नेत़त्व करते हुए पार्टी नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिए गए।
सरकारी आंकड़ों के समंदर में तैरती सच्‍चाई

सरकारी आंकड़ों के समंदर में तैरती सच्‍चाई

इसी महीने जारी सामाजिक-आर्थिक-जाति जनगणना (एसईसीसी) के आंकड़े देखकर हम दिल्ली में समुंदर खोजने लग गए। इन आंकड़ों के नुसार दिल्ली में मछली पकड़ने की मशीनी नौकाएं 14,468 परिवारों के पास हैं-बड़े समुद्र तटीय क्षेत्र वाले तमिलनाडु के 13,760 परिवारों के पास ऐसी नौकाओं से कहीं ज्यादा। और तमिलनाडु के बड़े तटीय भूभाग को पखारता विशाल समुंदर और उसमें दूर-दूर तक डूबती-उतराती, मछली मारने के लिए जाल फैलाती अनगिनत मशीनी और मानव चालित नौकाएं हमने आंखों देखी हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement