भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन कल्याणकारी नीतियों को क्रांतिकारी करार देते हुए लोगों से 2019 में उनकी सत्ता में वापसी सुनिश्चित करने की अपील की है।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड :सीबीएसई: ने कुछ जानकारियां सार्वजनिक ना करने के लिए देशभर में बोर्ड के मान्यता प्राप्त 2000 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
ओडिशा के भद्रक में भगवान श्रीराम पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई है। प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है। जिला प्रशासन ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एहतियातन स्कूल-कॉलेजों को बुधवार तक के लिए बंद कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ओडिशा दौरे से पहले नक्सलियों ने अपना विरोध दर्ज किया है। नक्सलियों ने राज्य के दोइकल्लू रेलवे स्टेशन पर आज सुबह तोड़फोड़ की और दो धमाके किए। मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल से दो वॉकी-टॉकी सेट भी मिले हैं।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर चल रहे तीन सौ से अधिक निजी स्कूलों को आगामी अकादमिक सत्र के लिए फीस ना बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
ओडिशा में भाजपा पर वहां की क्षेत्रीय पार्टी बीजू जनता दल को तोड़ने का आरोप लगा है। सोमवार को बीजू जनता दल के सांसद तथागत सतपथी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी बीजद को तोड़ने की कोशिश कर रही है।
देश के छोटे बड़े शहरों में भारी-भरकम स्कूल बैग, टिफिन बॉक्स तथा पानी की बोतल लेकर झुकी कमर और तिरछी चाल चलते मासूम स्कूल आते जाते दिख जाएंगे। इन मासूमों से स्कूली बस्ते सहजता से उठते भी नहीं, लेकिन वे स्कूल बैग ढोने के लिए मजबूर हैं। बच्चे अपने वजन का 35 प्रतिशत बोझ बस्ते के रूप में रोजाना पीठ पर ढोते हैं।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों की किशोर छात्राओं को मासिक धर्म पर शिक्षित करने के उद्देश्य से एक एनजीओ स्कूलों में पीरियड टॉक आयोजित करने जा रहा है, जिसमें छात्राओं को मासिक धर्म से संबंधित बराबर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दिये जायेंगे।
केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के सांसद कोटा में जल्द ही अहम बदलाव हो सकता है। नए प्रावधानों में सांसद कोटा के तहत होने वाले दाखिले के लिए गरीब बच्चों को वरीयता देनी होगी। पिछली सरकार के दौरान इस कोटे को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया था, मगर सांसदों के भारी विरोध के बाद इस फैसले को वापस लेना पड़ा था।
साहित्य उत्सव या लिट फेस्ट अब स्कूल तक पहुंच गए हैं। अब तक इस तरह के उत्सव किसी शहर में बड़े साहित्यकारों के बीच ही होते थे। यह पहली बार है कि किसी स्कूल ने अपने यहां साहित्योत्सव आयोजित किया है।