सभी किसानों की कर्जा माफी और फसल का न्यूनतम समर्थम मूल्य (एसएमपी) के मुद्दों पर देशभर के किसानों में अलख जगाने के लिए मध्यप्रदेश के मंदसौर से छह जुलाई को जनजागृति यात्रा निकाली जाएगी और यह यात्रा दो अक्तूबर को महात्मा गांधी के किसान आंदोलन की सौवीं वर्षगांठ पर बिहार के चंपारण में समाप्त होगी। यह फैसला शुक्रवार को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में जुटे करीब 130 किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से लिया। इस यात्रा को अंजाम देने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन किया गया है। इतनी बड़ी संख्या में किसानों के संगठन का एकसाथ जुटना किसान एकता की दिशा में एतिहासिक कदम माना जा रहा है। समजा जाता है कि किसानों की इस तरह एकजुटता लंबे अर्से बाद दिखाई दी है।
अगर आज महाकवि सूरदास होते तो शायद ‘मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहौं’ की जगह यह लिखते, मैया मैं तो चांद पे घर बनवैहौं। यह कहने की वजह यह है कि अभी ज्यादा दिन बीता है, स्पेस एक्स नाम की एक प्राइवेट स्पेस एजेंसी ने बताया था कि उसने दो लोगों को पर्यटक के तौर पर चांद की धरा की सैर कराने की योजना बनाई है। इस बीच कल दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ने उससे आगे की रोमांचक खबर सुना दी।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने शनिवार को देशभर के 500 शहरों के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 पेश करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन जनांदोलन बनना चाहिए और इसे केवल एक सरकारी कार्यक्रम के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।