एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "अगर कोई शिक्षक, संस्थान का प्रमुख है तो उसे इस बात का ध्यान रखना होगा कि ना तो वो और ना ही दूसरे शिक्षक कक्षा में मोबाइल फोन लेकर जाएं।’
आप यह जानकर दंग रह जाएंगे कि किसी व्यक्ति की निजी जानकारियां एक रुपए से भी कम में बेची जा रही है। एक अंग्रेजी अखबार ने इस बात का खुलासा किया है। इस ताजा खुलासे में यह बात सामने आई है कि इस धंधे में लगी कंपनियां कानून को ताक पर रख कर आम लोगों की निजी जिंदगी में सेंध लगा रही हैं।
उच्चतम न्यायालय ने अर्जी पर केंद्र और टाई से जवाब मांगा कि व्हाट्सऐप और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों ने निजी संवाद का व्यावसायिक इस्तेमाल करने के लिए 15.7 करोड़ भारतीयों की निजता का उल्लंघन किया है।