केंद्र सरकार ने सर्कुलर निकाल कर जिस तरह से पत्रकारों को सरकारी अधिकारियों से सीधे मिलने में रोक लगाई है, उस पर प्रेस परिषद से बकायदा पत्र लिख, अपनी चिंता का इजहार किया है
भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए स्तर की वार्ता से पहले पाकिस्तान ने कश्मीरी अलगाववादियों को बातचीत के लिए बुलाकर वार्ता को बड़ा झटका दिया है।
पटना हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश ने पिछले हफ्ते सेवानिवृत्त हुए मुख्य न्यायाधीश के बारे में एक खुला पत्र लिखकर उनके विदाई समारोह में जाने से साफ मना कर दिया कि वह ‘मुगल बादशाह’ की तरह काम करते थे और कानून के लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं था।
देश के शीर्ष 100 स्मार्ट शहरों की सूची में सभी केंद्रशासित प्रदेशों की राजधानी सहित मुंबई, लखनऊ, जयपुर, गांधीनगर, भुवनेश्वर, रायपुर और गुवाहाटी भी शामिल हैं। लेकिन इस सूची से पटना, बेंंगलूरू तथा कोलकाता जैसी राजधानियों के नाम गायब हैं।
कुछ ही महीनों में होने वोले बिहार विधानसभा के चुनावों की तैयारी में लगे नीतीश कुमार को पटना हाइकोर्ट ने झटका दे दिया है। पिछले 9 जून को शुरू हुआ बढ़ चला बिहार अभियान राज्य के आगामी चुनाव से पहले नीतीश कुमार की जनता तक पहुंच बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
सोमवार को राजद द्वारा किए गए बिहार बंद के चलते पूरे बिहार में आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। राजधानी पटना में इस बंद का खासा असर देखा गया। दुकानें, शैक्षणिक संस्थानों को जबरन बंद कराए जाने और कई ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिए जाने के कारण पूरे बिहार में आम जीवन प्रभावित रहा। पटना में लालू यादव बंद का नेत़त्व करते हुए पार्टी नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिए गए।
श्रम कानूनों में सुधार के प्रस्तावों पर श्रम संगठनों के कड़े विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि श्रम कानूनों में जरूरी सुधार किए जाएंगे मगर ये सुधार श्रम संगठनों के परामर्श और उनकी सहमति से ही होंगे। प्रधानमंत्री ने यहां 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
शोध छात्रा के उत्पीड़न विवाद को लेकर इस्तीफे की बढ़ती मांगों के बीच सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्राचार्य वालसन थम्पू ने मंगलवार को कहा कि मामले में उनका किसी जानवर की तरह पीछा किया जा रहा है। उन्होंने सभी संबद्ध तत्वों से चरित्र हनन नहीं करने को कहा क्योंकि मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है।
उच्चतम न्यायालय ने बिहार विधान परिषद के कुल 24 स्थानों के एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल, चार साल और छह साल निर्धारित करने का निर्देश निर्वाचन आयोग को देने संबंधी पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर आज रोक लगा दी। विधान परिषद के इन सदस्यों (एमएलसी) का निर्वाचन सात जुलाई को होना है।
जुलाई के पहले सप्ताह में होने वाले बिहार विधान परिषद की स्थानीय निकाय कोटे की रिक्त 24 सीटों के चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा है। हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा है कि जो चुनाव कराए जा रहे हैं उसमें सदस्यों का कार्यकाल कितने दिनों के लिए होगा।