तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता खराब सेहत के कारण अस्पताल में भर्ती है। बावजूद इसके राज्य सरकार का कामकाज पहले की ही तरह जारी है। हालांकि कामकाज एक अनोखे ढंग से किया जा रहा है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता बीते कई दिनों से खराब स्वास्थ्य के चलते अस्पताल में बीमारी से जूझ रही हैं।
दलित नेता एवं उत्तर पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद उदित राज ने निजी क्षेत्र और पदोन्नति में आरक्षण के लिए कानून बनाने की मांग करते हुए अनुसूचित जाति-जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ की ओर से देशव्यापी आंदोलन चलाने और 28 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली करने का ऐलान किया।
हरियाणा के झज्जर जिले में एक निजी कॉलेज में दो पक्षों के बीच हुई मामूली झड़प के बाद कश्मीर घाटी के छह छात्रों की पिटाई करने का मामला सामने आया है। घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने आरोपी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया है।
पिछले दिनों उड़ीसा के एक सरकारी अस्पताल से वाहन नहीं मिलने पर पत्नी के शव को कंधे पर 12 किलोमीटर तक ढोने वाले दाना मांझी का वीडियो वायरल होने के बाद अब उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक बेटे का अपने पिता के शव को ठेले पर लादकर ले जाते हुए वीडियो वायरल हुआ है।
देश की राजधानी में जानलेवा डेंगू और चिकनगुनिया का घातक असर दिखने लगा है। अस्पतालों में चिकित्सा की बदहाल व्यवस्था से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी भयानक स्थिति के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन तक दिल्ली से गायब हैं। शहर में दिल्ली सरकार का सिर्फ एक मंत्री मौजूद है। वह भी दिल्ली के उप राज्यपाल और तीनों निगमों के मेयर पर बदहाल व्यवस्था के लिए आरोप लगा रहा है। दिल्ली में पिछले 24 घंटे चिकनगुनिया से मरने वालों की संख्या 4 हो गई है।
गुजरात के गांधीनगर अपोलो अस्पताल में एक डॉक्टर पर डेंगू मरीज के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा है। डॉक्टर की इस करतूत में अस्पताल के वॉर्ड बॉय ने भी मदद की। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। डेंगू के चलते कमजाेर हो चुकी महिला के साथ यह शर्मनाक घटना सोमवार रात को हुई।
एम्स में पिछले दो माह में चिकनगुनिया के करीब 890 मामलों की पुष्टि हुई है। इससे पता चलता है कि इस वेक्टर जनित रोग ने किस प्रकार दिल्ली को अपनी चपेट में लिया है और लोग अस्पतालों का चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं।
देश में इस समय लाखों लोग नेत्रदान के जरिए आंखों की रोशनी पाने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कई प्रकार की भ्रांतियों के चलते आज भी लोग उतनी संख्या में नेत्रदान के लिए आगे नहीं आ रहे हैं जितनी जरूरत है। सच्चाई यह है कि मधुमेह, अस्थमा और ब्लड प्रेशर के मरीज भी आसानी से नेत्रदान कर सकते हैं।