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विश्व टी-20 में युवी, भज्जी और नेगी बने चयनकर्ताओं की पसंद

विश्व टी-20 में युवी, भज्जी और नेगी बने चयनकर्ताओं की पसंद

युवा आलराउंडर युवराज सिंह, हरभजन सिंह और पवन नेगी को विश्व ट्वेंटी20 और एशिया कप की टीम में जगह देकर चयनकर्ताओं ने सबको चौंका दिया है। इन दो टूर्नामेंटों की 15 सदस्यीय भारतीय टीम में मनीष पांडेय के बजाय अजिंक्य रहाणे जबकि युवा खिलाड़ियों जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंडया को भी मौका दिया गया है। टीम में इशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार जैसे तेज गेंदबाज भी नहीं हैं।
सत्यजीत के फेलूदा फिर परदे पर

सत्यजीत के फेलूदा फिर परदे पर

सत्यजीत रे ने एक काल्पनिक जासूस चरित्र गढ़ा था, फेलूदा। फेलूदा इतना मशहूर हुए कि सभी को इसका इंतजार रहने लगा। यही फेलूदा नए साल में दर्शकों से मिलने आ रहे हैं।
रे की फिल्म पर वृत्तचित्र

रे की फिल्म पर वृत्तचित्र

सिनेमा को चाहने वाले इस साल दिग्गज फिल्मकार सत्यजित रे की पहली फिल्म पाथेर पांचाली के साठ साल पूरा होने का जश्न मना रहे हैं। इसी बीच रे की भारत में कम और यूरोप-अमेरिका में ज्यादा सराही गई फिल्म अरण्येर दिन रात्रि पर एक डॉक्यूमेंट्री रिवाइविंग इमेजरी सामने आई है। पिछले दिनों रांची, झारखंड में इसका प्रीमियर हुआ।
अकेली खुश हैं सोनम कूपर

अकेली खुश हैं सोनम कूपर

आएशा और आय हेट लव स्टोरी जैसी फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री सोनम कपूर का फिलहाल शादी करने का कोई इरादा नहीं है।
इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

इमरजेंसी के अहम किरदार और उनकी भूमिकाएं

40 साल पहले आपातकाल के रूप में हुई लोकतंत्र की हत्‍या के लिए अक्‍सर तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा भी कई अहम किरदार आपातकाल में अहम भूमिका निभा रहे थे।
दुल्हन के लिबास मिलेंगे यहां

दुल्हन के लिबास मिलेंगे यहां

दुल्हन के परिधानों की श्रृंखला में शाही ठाट-बाट और भव्य अंदाज के लिए चर्चित फैशन डिजाइनर अबू जानी-संदीप खोसला की जोड़ी 15 जुलाई से शुरू हो रहे आगामी बीएमडब्ल्यू इंडिया ब्राइडल फैशन वीक 2015 में मंच पर प्रस्तुति देने वाले हैं।
नौकरी की फिक्र छोड़ कारोबार पर दांव

नौकरी की फिक्र छोड़ कारोबार पर दांव

यकीन करना आसान नहीं हैं। ये तीसेक साल से कुछ ज्‍यादा के नौजवान हैं, जिन्‍होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद अच्‍छी नौकरी हासिल भी की और फिर छोड़ भी दी। खुद का कारोबार शुरू किया और कामयाब भी हो गए। आज ये तेजी से बढ़ती ई-कॉमर्स कंपनी के मालिक हैं। मैंने पूछा मल्‍टीनेशनल कंपनी में नौकरी छोड़कर अपना काम शुरू करते हुए असफलता का डर नहीं लगा? आर्थिक दिक्‍कतें नहीं आईं? जवाब देखिए, ज्‍यादा से ज्‍यादा क्‍या होता वापस नौकरी करनी पड़ती। इतनी पढ़ाई और काम करने के बाद इतना भराेसा तो था कि भूखे मरने वाले नहीं हैं। इसलिए ज्‍यादा फ्रिक नहीं हुई।