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आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

वर्ष 1975 की 25 जून को इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की और भारतीय राजनीति के इस काले अध्याय से जुड़ी घटनाओं को तब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस की एमसीडी बीट कवर करने वाली पत्रकार कूमी कपूर ने किताब की शक्‍ल दी है। यहां हम इस पुस्तक के कुछ अंशों को पाठकों के सामने ला रहे हैं जिनमें आपातकाल से ठीक पहले की घटनाओं का जिक्र है।
लेफ्टी हो गई आलिया

लेफ्टी हो गई आलिया

आलिया भट्ट ने ट्विटर पर अपने कंधे में चोट की खबर क्या डाली उनके प्रशंसक चिंता में आ गए हैं। आलिया अपनी फिल्म की शूटिंग के दौरान घायल हो गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जगाई सुब्रत रॉय की रिहाई की आस

सुप्रीम कोर्ट ने जगाई सुब्रत रॉय की रिहाई की आस

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सहारा प्रमुख सुब्रत राय की जेल से रिहाई 5,000 करोड़ रुपये नकद जमा करने और 5,000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देने पर निर्भर करती है।
समीक्षा - एबीसीडी-2

समीक्षा - एबीसीडी-2

यदि आप नृत्य, माफ कीजिए डांस वह भी हिपहॉप डांस के शौकीन हैं तो ही यह फिल्म आपके लिए है। थ्रीडी होने के बावजूद यह फिल्म कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ती है। लेकिन हां बच्चों को यह फिल्म पसंद आ सकती है और शायद उन्हें भी जो टेलीविजन पर आने वाले एेसे शो का हिस्सा होना चाहते हैं।
बजरंगी भाईजान 30 दिन दूर, ट्रेलर जारी

बजरंगी भाईजान 30 दिन दूर, ट्रेलर जारी

रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है। यह मुकद्दस महीना खत्म होते-होते मीठी सेवइयों की खुशबू हवा में तैरने लगेगी। और एक बात जो फिजाओं में होगी वह है बजरंगी भाई जान के जलवे।
आईएसआई निदेशक बिमल कुमार रॉय बर्खास्त

आईएसआई निदेशक बिमल कुमार रॉय बर्खास्त

कोलकाता में प्रतिष्ठित भारतीय सांख्यिकी संस्थान आईएसआई के निदेशक बिमल कुमार रॉय को उनके पद से हटा दिया गया है। उनके खिलाफ यह कार्रवाई इस आशंका के आधार की गई है कि वह अनुशासनहीनता एवं वित्तीय अनियमितता सहित नुकसान करने वाली कार्रवाई कर सकते हैं।
लोकतांत्रिक तरीके से चुना व्यक्ति भी तानाशाह हो सकता हैः नामवर सिंह

लोकतांत्रिक तरीके से चुना व्यक्ति भी तानाशाह हो सकता हैः नामवर सिंह

आलोचना (त्रैमासिक) पत्रिका के अंक 53-54 के प्रकाशन के उपलक्ष्य में ‘भारतीय जनतंत्र का जायजा’ विषय पर साहित्य अकादमी-सभागार में आयोजित परिचर्चा में युवाओं की भागीदारी जबरदस्त रही। दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय सहित अन्य अकादमिक संस्थानों के छात्रों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। युवाओं ने जनतंत्र से जुड़े सवालों की झड़ी लगा दी। एक युवा ने सवाल खड़ा किया कि आखिर क्यों ‘आलोचना’ पहले जैसी नहीं होती ! जिसकी आलोचना होती है वह और मजबूत क्यों हो जाता है।
आईफा में क्वीन और हैदर का जलवा

आईफा में क्वीन और हैदर का जलवा

क्वीन फिल्म का पुरस्कार जीतने का सिलसिला जारी है। विकास बहल की इस फिल्म ने आईफा अवॉर्ड समारोह में भी इस परंपरा को बनाए रखा। सोहलवें आईफा अवॉर्ड में क्वीन के साथ विशाल भारद्वाज की फिल्म हैदर की झोली में भी कई पुरस्कार आए। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री कंगना रनौत और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार शाहिद कपूर के नाम रहा।
समीक्षा - दिल नहीं धड़का

समीक्षा - दिल नहीं धड़का

यदि दिल ऐसे ही धड़कता है तो फिर भगवान ही बचाए। जोया अख्तर (निर्देशक) यदि इस फिल्म का नाम दिमाग बंद रहने दो रखतीं तो एकदम बढ़िया रहता। जोया को समझना चाहिए कि कलाकारों का जमघट भर लगा देने से कोई फिल्म हिट नहीं हो जाती।
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