रणजीत सिंह को इंग्लैंड की ओर से 15 टेस्ट खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 44.95 के औसत से 989 टेस्ट रन बनाए। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 175 रहा। भारत के लिए वो कभी कोई मैच नहीं खेल पाए।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एक बार फिर अपने ट्विट को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार चर्चा में बने रहने का कारण हरियाणा में भीड़ द्वारा मारे गए जुनैद और कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों को बचाने वाले बस ड्राइवर सलीम से जुड़ा उनका ट्वीट है।
अगले एक दो साल में पतंजलि सबसे बड़ा स्वदेशी ब्रांड बन जाएगा। मौजूदा समय में पतंजलि की करीब 30 हजार करोड़ सालाना की उत्पादन क्षमता है और अगले साल यह क्षमता 60 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगी। पिछले साल इसका टर्नओवर 10561 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
दिल्ली की एक संस्था ने देश में रोजगारों के अवसर पर किए गए अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि साल 2050 तक देश में 70 लाख रोजगार समाप्त हो जाएंगे। अध्ययन में कहा गया है कि ऐसा नए रोजगार के अवसरों का सृजन नहीं होने औप पूराने अवसरों के समाप्त होते जाने की वजह से होगा।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज कहा कि रोजगार बाजार में जो लाखों युवा आ रहे हैं, उन्हें बाजार के लिहाज से पूरी तरह से उपयुक्त बनाने के लिये मन:स्थिति में पूर्ण रूप से बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने कौशल भारत अभियान के लिये सचिन तेंदुलकर को ब्रांड एम्बेसेडर बनाए जाने तथा कौशल प्रशिक्षण में केवल बढ़ई जैसी चीजों को रेखांकित किये जाने को लेकर केंद्र की आलोचना भी की।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल सकता है और बहुजन समाज पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभर सकती है। यह दावा एक ओपिनियन पोल में किया गया है।
उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार की उपलब्धियों का बखान अब मशहूर फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन करेगी। बालन समाजवादी पेंशन योजना का पूरे-प्रदेश में प्रचार करेगी और बताएगी की किस प्रकार से इस योजना से लोगों का जीवन स्तर सुधरा है।
कभी भाजपा की फायर ब्रांड नेता रहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती हमेशा भीड़ से घिरी रहती थीं। जहां जातीं समर्थकों का हुजूम उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ता था। लेकिन आज स्थिति बिल्कुल उलट गई है। उमा भारती अब हर जगह अकेली दिखाई देती हैं। केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद आगे पीछे रहने वाले समर्थक नदारद हैं। और तो और देश के किसी हिस्से में पहुंचने पर स्वागत के लिए समर्थकों का जो हुजूम उमड़ पड़ता था आज वह भी कहीं दिखाई नहीं देता।