नाबालिग से यौन उत्पीड़न के आरोप में जोधपुर जेल में बंद आसाराम ने कहा कि देश का कानून अब अंधा हो गया है। एक लड़की के चक्कर में लाखों लोग परेशान हो रहे हैं।
तमाम प्रशासनिक उपायों और सुरक्षा चौकसी के बावजूद बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव के दौरान हिंसा और बोगस वोटिंग की आशंका बनी हुई है। खासकर, बंगाल को लेकर सिरदर्द ज्यादा है। बंगाल में बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश से असामाजिक तत्वों को राजनीतिक पार्टियों द्वारा बुलाए जाने की खबरें आई हैं। बंगाल के गांवों में राजनीतिक हिंसा बढ़ने लगी है।
अभिनेता संजय दत्त 25 फरवरी को पुणे की येरवडा जेल से रिहा होने के बाद मुंबई स्थित अपने घर जाने के लिए चार्टर्ड विमान की सवारी करेंगे। संजय दत्त 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों से जुड़े होने के कारण पुणे जेल में सजा काट रहे हैं। इतने दिनों जेल में किए गए श्रम के लिए उन्हें 500 रुपये से भी कम मेहनताना मिलेगा।
उच्चतम न्यायालय ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में दोषसिद्धि एवं दस साल की कैद के खिलाफ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पी. चौटाला की अपील खारिज की। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में उनके बेटे और दस अन्य को भी कोई राहत देने से इनकार किया।
चार्ल्स शोभराज और फूलन देवी के हत्यारे शेर सिंह राणा की तर्ज पर दो कैदी तिहाड़ की सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देने में कामयाब रहे। इनमें एक को पुलिस ने पकड़ लिया है जबकि दूसरा फरार है। तिहाड़ में सेंध लगने की घटना से दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय में हड़कंप मच गया है।
नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में जेल में बंद आसाराम की जमानत याचिका अदालत ने शनिवार को फिर खारिज कर दी। छठी बार आसाराम की जमानत याचिका ठुकराई गई है। जोधपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने 73 वर्षीय आसाराम की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के अपराध में आरोपी जमानत का हकदार नहीं है।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सहारा प्रमुख सुब्रत राय की जेल से रिहाई 5,000 करोड़ रुपये नकद जमा करने और 5,000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देने पर निर्भर करती है।
दिल्ली में 1993 के बम विस्फोट मामले में दोषी करार दिए गए प्रो. देवेन्दर पाल सिंह भुल्लर को कड़ी पुलिस सुरक्षा में दिल्ली की तिहाड़ जेल से अमृतसर के केंद्रीय कारागार ले जाया गया। एंबुलेंस में लाए गए भुल्लर को दिल्ली पुलिस की सशस्त्र टीम की सुरक्षा में लाया गया। इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। वर्ष 2017 में पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसे एक राजनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।