यह उनके समुदाय के लिए ऐतिहासिक क्षण था। कभी गुजर बसर के लिए भीख मांगने के लिए मजबूर जोइता मंडल अब लोक अदालत में जज बन गई हैं। जोइता के लिए यह मुकाम इसलिए भी खास है क्योंकि वह ट्रांसजेंडर हैं। लेकिन उनके लिए यह सफर इतना आसान नहीं था।
हाल ही में कोच्ची मेट्रो ने अपने स्टाफ में ट्रांसजेंडरों की नियुक्ति कर ऐतिहासिक काम किया था। अब कोच्चि में ही किन्नरों को खुशी मनाने का एक और मौका मिल रहा है।
यह ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए वाकई उपलब्धि है। कोच्ची मेट्रो ने 23 ट्रांसजेंडर्स को नौकरी दे दी है। पिछले साल खबरें आई थीं कि कोच्ची मेट्रो ट्रांसजेंडर्स को नौकरी दे सकता है। अब मेट्रो विभाग ने ऐसा कर दिखाया है। हाउसकीपिंग से लेकर टिकट काउंटर तक मेट्रो में ट्रासजेंडर कर्मचारी होंगे। ऐसा करने वाली कोच्ची मेट्रो पहली सरकारी कंपनी बन गई है।
उत्तरप्रदेश में सपा-बसपा के जातीय समीकरण तो भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति पर वार करते रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अब पेशे से पहचानी जाने वाली जातियों की पहचान की चिंता सताने लगी है। राहुल के अनुसार चमकते ब्यूटी पार्लर और ब्यूटी सैलून नाई जाति, नई टेक्नोलॉजी विश्र्वकर्मा तो पान पराग पान के परंपरागत पेशे से जुड़े चौरसिया समाज के लोगों का न केवल रोजगार छिन रहे हैं बल्कि यह इनकी जातीय पहचान भी मिटा रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने इन जातियों से कहा है कि उनका पेशा ही उनकी सामाजिक पहचान है जिस पर आक्रमण हो रहा है और कांग्रेस उनकी जातीय पहचान बचाने के लिए तैयार है।
गायों के संरक्षण के अपने प्रयास के तहत गुजरात गौसेवा एवं गौचर विकास विकास बोर्ड ने महिलाओं से कहा है कि वे रसायनिक सौंदर्य प्रसाधनों को त्यागें और अपने सौंदर्य को सदाबहार बनाने के लिए गोमूत्र, गोबर और दुग्ध उत्पादों का इस्तेमाल करें जैसे कि मिस्र की महारानी क्लियोपेट्रा किया करती थीं।
ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को अलग पहचान प्रदान करने और उनका शोषण करने वालों को दंडित करने की व्यवस्था कायम करने के मकसद से मंगलवार को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया।
ट्रांसजेंडरों को ज्यादातर लोग हिकारत से देखते हैं और कई लोगों का मानना है कि यह दिमागी बीमारी है। इन बातों की लड़ाई लड़ने वाले ट्रांसजेंडरों को एक राहत मिली है। मेक्सिको में एक अध्ययन किया गया और कहा गया कि ट्रांसजेंडर मानसिक विसंगति नहीं है।
सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि गे, लेस्बियन और बायसेक्सुअल को तीसरा जेंडर नहीं माना गया है। कोर्ट ने अप्रैल 2014 में थर्ड जेंडर को लेकर दिए अपने फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा कि सिर्फ ट्रांसजेंडर को ही तीसरे थर्ड जेंंडर के रूप में पहचान दी गई है।