कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि संघ की समान नागरिक संहिता की मांग दरअसल एक आड़ है जिसके पीछे संघ की मंशा महिलाओं के अधिकारों को लेकर हिंदू पर्सनल लॉ और अपनी विचारधारा थोपना है।
पाकिस्तान में मॉडल कंदील बलोच की उसके छोटे भाई वसीम ने हत्या कर दी थी। उसके पिता को अपनी बेटी को नहीं बचा पाने का मलाल है। पिता का कहना है कि उनके बेटे को देखते ही 'गोली मार' देनी चाहिए। वसीम कह चुका है कि उन्होंने अपनी बहन को गला घोंटकर मार डाला।
पाकिस्तानी बोल्ड मॉडल कंदील बलोच की मुल्तान में हत्या करने वाले उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक हत्यारे ने पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने कहा कि ऑनर शान के लिए कंदील की गला दबाकर हत्या की है।
देश को आजाद हुए पैंसठ साल से अधिक का समय हो गया पर भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अभी तक आम राय नहीं बन पाई है। जब इतने समय पर यह नहीं हो पाया तो भाजपा अब क्या सोच समझ कर यूनिफार्म सिविल कोड का ताना-बाना बुनने लगी है। क्या छह माह में इसे लागू करने का दम केंद्र की भाजपा सरकार के पास है या यह महज एक चुनावी चुग्गा है। जो भाजपा ने यूपी चुनाव से पहले जनता की ओर फेंक दिया है।
विकास सहित कई अन्य मसलों पर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करने वाली शिवसेना ने यूनीफार्म सिविल कोड के प्रस्ताव पर मोदी सरकार को अपना समर्थन दिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के जरिए साफ संदेश दिया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार को आगे बढ़ना चाहिए।
यूपी चुनाव को ध्यान में रखते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की भाजपा की तैयारी पर मुस्लिम समाज बिफर सा गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह नकार दिया है। उसने आरोप लगाया है कि महज वोटों की राजनीति के लिए भाजपा यह मसले को उछाल रही है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) पर एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विधि आयोग से इस मुद्दे का अध्ययन करने को कहा है। सरकार के इस पहल को समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है जिससे देश का राजनीतिक तापमान बढ़ने की आशंका है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दुकानों, शापिंग मॉल व अन्य प्रतिष्ठानों को साल के 365 दिन खुला रखने की अनुमति देने वाले एक माडल कानून को बुधवार को मंजूरी दे दी।
ऑनलाइन खरीदे गये सभी खरीद पर एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। मॉडल जीएसटी कानून में यह कहा गया है। जीएसटी के अगले साल अप्रैल से लागू होने की संभावना है। स्थानीय शुल्क के बदले लगने वाला कर उस जगह लगेगा जहां सबसे पहले वित्तीय लेन-देन किया जाएगा।