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काबुल में भारतीय महिला को अगवा किया, सुरक्षित रिहाई के प्रयास जारी

काबुल में भारतीय महिला को अगवा किया, सुरक्षित रिहाई के प्रयास जारी

भारत की एक महिला को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के तैमानी इलाके से अगवा कर लिया गया है। अफगान अधिकारी उसकी सुरक्षित रिहाई करने की कोशिश कर रहे हैं।
देश हो तो ऐसा : स्विट्जरलैंड के लोगों ने मुफ्त सैलरी की पेशकश ठुकराई

देश हो तो ऐसा : स्विट्जरलैंड के लोगों ने मुफ्त सैलरी की पेशकश ठुकराई

अगर बिना काम किए कोई सैलरी देने का वादा करेगा, तो इससे खुशी की बात क्‍या होगी और यह खुशी तब और बढ़ जाएगी जब यह पेशकश सरकार की तरफ से आए। ऐसी सुहानेे प्रस्‍ताव को बहुत से लोग तुरंत स्‍वीकार कर लेंगे लेकिन स्विट्जरलैंड के लाेेगों की इससे अलग राय है। वहां के लोगों ने सरकार की तरफ से दी गई ऐसी पेशकश को ठुकरा दिया है।
भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृत्ति और भीख जैसी आधुनिक गुलामी के शिकंजे में एक करोड़ 83 लाख 50 हजार लोग जकड़े हुए हैं। इस तरह दुनिया में आधुनिक गुलामी से पीड़ितों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में है। दुनिया भर में ऐसे गुलामों की तादाद तकरीबन चार करोड़ 60 लाख है।
उज्जैन, जयपुर, पटना, गुवाहाटी और इलाहाबाद रेलवे स्टेशनों में भी फ्री वाई फाई

उज्जैन, जयपुर, पटना, गुवाहाटी और इलाहाबाद रेलवे स्टेशनों में भी फ्री वाई फाई

सर्च इंजन गूगल के द्वारा देश में 5 रेलवे स्टेशन पर फ्री वाई-फाई फैसिलिटी शुरू की गई है। यह फ्री वाई-फाई सर्विस उज्जैन, जयपुर, पटना, गुवाहाटी और इलाहाबाद रेलवे स्टेशनों पर लांच की गई है। देश में गूगल के द्वारा करीब 100 रेलवे स्टेशनों पर फ्री वाई-फाई सर्विस देने की घोषणा भी की गई है।
फिर जी उठे बैजू बावरा

फिर जी उठे बैजू बावरा

11वीं सदी के भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक शहर चंदेरी, जो बुंदेलों और मालवा के शासकों द्वारा बनवाया गया। ऐतिहासिक इमारतों और गुप्त, प्रतिहार, गुलाम, तुगलक, खिलजी, अफगान, गौरी, राजपूत और सिंधिया वंश द्वारा शासित रहा चंदेरी अब खास रेशमी के कपड़ों के लिए भी जाना जाता है। इससे इतर अपने कलात्मक इतिहास के कारण चंदेरी कभी सांस्कृतिक नगरी के रूप में भी जाना जाता था।
गांधी: बस नाम ही बाकी है

गांधी: बस नाम ही बाकी है

राष्ट्रपिता के रूप में ख्याति पाने वाले शख्स के नाम पर पूरे भारत में ढेरों संस्थाएं हैं, जिनका बस 'नाम’ ही बाकी रह गया है
ये बच्चे बदललेंगे कल की तस्वीर

ये बच्चे बदललेंगे कल की तस्वीर

दिल्ली का इंडिया हैबिटैट सेंटर में रोज की तरह गहमा गहमी है। यहीं के एक हॉल में बिहार के अलग-अलग जिले से कुछ बच्चे आए हुए हैं, जोश और आत्मविश्वास से भरे हुए। अपनी बात कहने के लिए तत्पर।
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