सरकार ने सोमवार को बताया कि भारत आने वाले पर्यटकों की सहायता के लिए अतुल्य भारत पर्यटक हेल्पलाइन 12 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अगले दो माह की अवधि के भीतर शुरू होगी।
गो मांस पर प्रतिबंध के मुद्दे पर केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास ने कहा, 'यदि कोई बीफ का मीट खाए बिना मर रहा है, तो वह पाकिस्तान या अरब देश चला जाए। उनकी इस देश में कोई जगह नहीं है। ‘ उसके बाद से लेकर आज तक नकवी के इस बयान की सोशल मीडिया पर खूब छीछालेदर हो रही है। इसके जवाब में पाकिस्तान से आएशा गज्दर ने फेसबुक पर लिखा- बहुत खूब आ जाओ..आ जाओ सारे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली चीन यात्रा के दौरान पर्यटन को बढ़ावा देने पर भी एक समझौता संभव है। विश्वस्त सरकारी सूत्रों का कहना है कि आज मंत्रिमंडल में भी चीन के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई।
पर्यटन को आकर्षक बनाते हुए गोवा सरकार ने आज राज्य में हॉट एयर बैलून और जल और थल दोनों पर चलने वाले वाहन एंफीबियस व्हीकल सेवा की शुरूआत की। पर्यटक अब हॉट एयर बैलून के जरिए चर्चित पर्यटन स्थलों का आकाशीय नजारा ले सकते हैं। मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, राज्य के पर्यटन मंत्री दिलिप पारूलेकर और अन्य की उपस्थिति में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ये नई सुविधआएं शुरू की गईं।
पर्यटन और संस्कृति ऐसे विभाग हैं, जिनमें अपार संभावनाएं हैं। कई क्षेत्र हैं, जिन्हें पर्यटकों के लिए विकसित किया जा सकता है। संस्कृति के क्षेत्र में भारतीय संस्कृति को विश्व मानचित्र पर उकेरा जा सकता है। नई सरकार में इस क्षेत्र में कई काम हो रहे हैं। इसी से संबंधित राज्यमंत्री संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) एवं नागरिक उड्डयन मंत्रालय के राज्य मंत्री महेश शर्मा ने आउटलुक से बातचीत की।
इम्तिहान खत्म और गर्मियों की छुट्टियों का मौसम शुरू। घूमने और अपने भीतर के सैलानी को बाहर निकालने का बहुप्रतीक्षित समय। लेकिन इस बार अपनी उसी पुरानी लिस्ट को किनारे रखें- शिमला, कुल्लू-मनाली,देहरादून-मसूरी, दार्जीलिंग, श्रीनगर, ऊटी, नैनीताल से आगे के विकल्प सोचें। ये सारी जगहें खूबसूरत हैं लेकिन सैलानियों की भीड़ से भरी हैं। यहां के बाजारों में रैला ज्यादा होता है और सुकून कम।इसलिए ऐसी जगहें चुनें जो खूबसूरत तो हों लेकिन जहां टूरिस्टों की मारा-मारी कम हो। जहां सुकून हो और वो पसंद व जेब के अनुकूल भी हों। ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में-
डांडेली टाइगर रिजर्व के प्रवेश स्थल पर जब मैं पहुंचा तो वहां मेरे और मेरी गाड़ी के ड्राइवर के अलावा और कोई न था। न कोई चौकीदार और न ही कोई अन्य सरकारी अमलेदार। दूसरे सैलानियों के पहुंचने से पहले जंगल में अलसुबह घुसकर जानवरों को देखने की चाह में मैं शायद कुछ ज्यादा ही जल्दी पहुंच गया था।