हाल ही में समाप्त हुए उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ मेले के आयोजन में जमकर घोटाला किए जाने का आरोप अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस बार घोटाले के आरोप मध्य प्रदेश विधानसभा के अंदर गूंजे।
अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही नेपाल के प्रधानमंत्री पद से के पी ओली के इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक संकट एक बार फिर गहरा गया है। ओली ने अविश्वास प्रस्ताव को देश को प्रयोगशाला में बदलने और नए संविधान को लागू करने में रोड़ा अटकाने की विदेशी ताकतों की साजिश करार दिया।
आस्ट्रेलिया के आम चुनावों में करीबी अंतर से मिली जीत के बाद मैल्कम टर्नबुल ने एक और कार्यकाल के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री पद की ली। टर्नबुल की शीर्ष प्राथमिकताओं में बजट में सुधार करना और समलैंगिक विवाह पर सार्वजनिक मतदान कराने का मुद्दा शामिल है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर केंद्र और दिल्ली के बीच के संबंध को भारत-पाकिस्तान जैसे हालात में पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर रूकावटें पैदा नहीं की गई होतीं तो उनकी सरकार ने दिल्ली में जितनी उपलब्धियां हासिल की हैं उससे चार गुना ज्यादा उपलब्धियां होतीं।
महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार से अलग रही। शिवसेना का कोई नेता शपथ ग्रहण समारोह में शरीक नहीं हुआ। शिवसेना ने दो मंत्रियों को सहित एक और कैबिनेट मंत्री की मांंग की थी। पीएम माेदी ने संभावित सूची में एक मंत्री पद शिवसेना के लिए रखा था। और कैबिनेट मंत्री की मांग ठुकरा दी। बस नाराज शिवसेना ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार कर दिया। शिवसेना और भाजपा के बीच अलगाव की एक और वजह बृहन्मुंबई महानगरपालिका और उसका भारी भरकम बजट भी है।
नीति आयोग ने कहा है कि रेल बजट को अलग से पेश करने की बजाए उसे आम बजट के साथ ही पेश करना चाहिए। अगर इस सिफारिश को मान लिया गया तो सुरेश प्रभु संसद में रेल बजट पेश करने वाले आखिरी रेल मंत्री साबित होंगे। नीति आयोग ने मोदी सरकार से सिफारिश की है कि रेल बजट को अलग से पेश करना समय और पैसे की बर्बादी है। इसलिए इसे आम बजट के साथ ही पेश किया जाना चाहिए।
पीके17 यानी प्रशांत किशोर 2017 के तारणहार बनकर केवल कांग्रेसियों को टिकट के सपने ही नहीं दिखा रहे बल्कि चीफ मिनिस्टर की कुर्सी के प्रस्ताव लेकर बीजेपी के नेताओं के पास भी जा रहे हैं। पीके महाराज की इस पहल से वरिष्ठ कांग्रेस नेता ही नहीं गांधी परिवार के सदस्य भी नाराज हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस के सदन प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया गया है और सांसदों ने कहा है कि परिषद में भारत को स्थायी सीट दिए जाने से विश्वभर में लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी।