जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी सरकार बनाने के लिए कई मुद्दों पर सहमति बनाते दिख रहे हैं। लेकिन अनुच्छेद 370 और सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम जैसे मुद्दों को लेकर जो सवाल हैं वह हल हो जाएगा।
बिहार में भारतीय जनता पार्टी को उस समय झटका लगा जब विधानसभा अध्यक्ष ने जद यू को मुख्य विपक्षी दल के तौर पर मान्यता दी और विजय चौधरी को विपक्ष के नेता का दर्जा दिया। जद यू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने उनका समर्थन किया।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि विदेशी निवेश आकर्षित करने के प्रयासों के तहत भारत की नई सरकार आगामी बजट में सुधारवादी उपाय पेश करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में विदेशी निवेश को आकर्षित करने एवं भारत को उत्पादन के लिए पसंदीदा स्थान बनाने के लिए भी अनुकूल प्रयास किए जाएंगे।
देश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की घटनाओं के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धार्मिक कट्टरता के ख़िलाफ़ एक लंबा भाषण दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए एक राष्ट्रीय समारोह में अपने विचार व्यक्त किये।
अमेरिका के मैडिसन शहर में एक पुलिस वाले 57 साल के भारतीय व्यक्ति की इतनी पिटाई की कि उन्हें लकवा मार गया। मामले के उछलने के बाद आरोपी पुलिस अफसर एरिक पार्कर को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
दिल्ली में चल रहे भारत रंग महोत्सव की शुरुआत इस बार चुनावी सरगर्मियों के बीच हुई। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा आयोजित रंगमंच के इस सबसे बड़े उत्सव को ठंड और कोहरे के प्रकोप से बचाने के लिए इस बार एक महीने आगे सरकाया गया था। लेकिन वक्त की तब्दीली ने इसे दिल्ली चुनाव के ऐन बीच ला पटका।
पत्रकारों की अंतरराष्ट्रीय संस्था ने सूची जारी कर एचएसबीसी के एक लाख से अधिक ग्राहकों और उनके खातों का जिक्र किया है जिनमें कुल 100 अरब डॉलर से अधिक की राशि जमा करने का उल्लेख है। इस सूची में 19000 से अधिक ऐसे ग्राहक हैं जिनका देश नहीं दर्शाया गया है।
सुपर लक्जरी कार रॉल्स-राॅयस की भारत में बिक्री तेज करने की योजना, कंपनी के कारों की कीमत 4.5 करोड़ से लेकर 9 करोड़ रुपये तक है, सन 2023 तक भारत अरबपतियों की संख्या के लिहाज से चौथे स्थान पर होगा और इसी का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है रॉल्स-रॉयस।
आज जब अच्छे दिनों को तरह-तरह के अतिवादी तरीकों से परिभाषित किया जा रहा है। तब रजनी कोठारी की कमी बहुत खलती है। अस्वस्थता, जीवन साथी के न रहने और छह साल पहले बेटे स्मितु कोठारी के न रहने से वह पिछले एक दशक से कुछ नहीं लिख पा रहे थे। लेकिन उनका किया और लिखा इतना है कि कोई भी नई पहल लेने वाला समूह उसमें से अपने लिए पर्याप्त दिशा संकेत खोज सकते हैं।