लोकसभा ने शुक्रवार को आधार वित्तीय और अन्य सहयोगी, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्षित परिदान विधेयक 2016 पारित कर दिया। विधेयक के संबंध में व्यक्तियों की गोपनीयता सार्वजनिक होने और दुरुपयोग किये जाने की कुछ सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य आम लोगों, गरीबों तक कल्याण योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।
रेडियो पर एक गाना बहुत बजता है- ‘चेहरा न देखो, चेहरे ने लाखों को लूटा।’ यों यह गीत प्यार-मोहब्बत से जुड़ा है। लेकिन नेताओं-मंत्रियों के लिए इन शब्दों के अलग-अलग अर्थ लगाए जाते हैं। भोली भाली जनता चेहरे और वायदे पर वोट दे देती है। फिर खून-पसीने की मेहनत की कमाई का एक हिस्सा टैक्स के रूप में सरकारी खजाने को देती है। इसी सरकारी खजाने की रकम से सरकार में बैठे प्रभावशाली नेता-मंत्री अपना चेहरा चमकाए रखना चाहते हैं।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाने के लिए 2016-17 के बजट में 70,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी नए विवाद में उलझती जा रहीं हैं। शनिवार की रात को यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए एक हादसे में मारे गए एक चिकित्सक के बच्चों ने स्मृति के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने घायलों की मदद करने और उन्हें अस्पताल पहुंचवाने के प्रयास किए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तारीफ करते हुए कहा कि एक मंत्री के तौर पर उन्होंने ने जो काम किया वह किसी भी पूर्व मंत्री ने नहीं किया।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की उम्र को लेकर उनपर तीखा प्रहार किया। स्मृति ने शनिवार को एक कार्यक्रम में राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एक एेसा नेता है जो अपने आप को युवा नेता बताता है लेकिन उसकी उम्र 50 साल के करीब है।
सरकार ने आम बजट 2016 में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से निकासी पर टैक्स लगाने के विवादास्पद प्रस्ताव पर कदम पीछे खींचने का मन बना लिया है। सरकार ने इसे वापस लेने पर मंगलवार को विचार करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रस्ताव वापसी का संकेत दिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को धर्मनिरपेक्षता को जिंदा रखने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि कुछ नौजवानों की नारेबाजी से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की ओर से विवाद पैदा करने से देश टूटता है।