आजाद हिंद फौज के वयोवृद्ध सिपाही डैनियल काले का लंबी बीमारी के बाद कोल्हापुर में निधन हो गया। उनके बारे में कहा जाता है कि वे आजादी के संघर्ष के लिए गठित आजाद हिंद फौज के आखिरी जीवित सदस्य थे।
भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में भाग लेकर लौटते हुए आज कहा कि उरी में हुआ हमला पूरी तरह अस्वीकार्य है और इस तरह की हरकतों का नतीजा आखिरकार अत्यंत असुखद निकलेगा। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि आतंकवाद को कोई भी सहन नहीं कर सकता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली के 7 रेस कोर्स रोड स्थित अपने आवास पर आरएसएस के प्रचारकों के लिए एक भोज का आयोजन किया। गौरक्षकों पर सख्त बयान के बाद मोदी की इस दावत को डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है।
बलूच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा मानवता के खिलाफ किए जा रहे अपराधों को रेखांकित करते हुए आजादी की मांग की।
अक्सर भाजपा के नेताओं पर यह तंज कसा जाता है कि आजादी की लड़ाई के वक्त भाजपा नहीं थी। इसलिए उनका देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है। इसी तंज का मुकाबला करने के लिए भाजपा के मुख्याल ने पार्टी के सभी जिला मुख्यालयों को एक खास संदेश भेजा है। पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे अपने पारिवारिक एलबम, पर्सनल रिकॉर्ड या कोई भी ऐसा दस्तावेज जुटाएं, जिससे पता चलता हो कि भाजपा नेताओं ने 'राष्ट्रीय आंदोलनों' में हिस्सा लिया था।
बलूचिस्तान के एक शीर्ष नेता ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सुरक्षाबल बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का भीषण उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने बलूच राष्ट्रवादी आंदोलन में भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की मांग भी की है।
पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के दो पूर्व सहयोगियों ने दावा किया है कि पटेल ने एक नेता के रूप में उभरने के लिए आरक्षण आंदोलन का इस्तेमाल किया। पूर्व सहयोगियों ने आरोप लगाया कि आंदोलन शुरू होने के एक साल के भीतर ही हार्दिक करोड़पति बन गया।
देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का मानना है कि वर्ष 1947 में आजादी मिलने के साथ भारत का जो विभाजन हुआ वह एक ऐतिहासिक भूल था। संघ का मानना है कि आने वाले समय में बहुत जल्द ही अखंड भारत बनेगा।