सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर के मुताबिक, घूस को छिपाने के लिए मानस पात्रा पहले इस रकम को अपने एकाउंट में जमा कर लेता था। बाद में उस रकम को मल्होत्रा की पत्नी के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कर देता था।
कहा गया था कि चंडीगढ़ के सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंड्री स्कूल से अभी आईटी स्ट्रीम से बारहवीं करने वाले हर्षित शर्मा को गूगल में नौकरी मिल गई है। यहां हर महीने उसकी तनख्वाह 12 लाख रुपए होगी।
सड़कें हम सबको जोड़ती हैं। सड़कें हमें हमारी मंजिलों तक बड़ी आसानी से पहुंचाती हैं। लेकिन सड़कों पर उभर आए ये गड्ढे आज परेशानी की वजह बन गए हैं। ये गड्ढे ना सिर्फ हमें हमारे मकाम तक पहुंचने में बाधक बन रहे हैं बल्कि जिंदगी को निगलने वाली गहरी मौत की खाई भी साबित हो रहे हैं।