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मंटो की खातिर कान गईं नंदिता

मंटो की खातिर कान गईं नंदिता

नंदिता दास यूं तो पहले भी दो बार जूरी के सदस्य के रूप में कान फिल्मोत्सव में शिरकत कर चुकी हैं। लेकिन इस बार वह फिल्में देखने या रेड कारपेट पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बजाय कुछ खास काम ले कर गई हैं।
ऐश्वर्या की सिल्वर स्क्रीन पर वापसी

ऐश्वर्या की सिल्वर स्क्रीन पर वापसी

पांच वर्षों के अंतराल के बाद फिल्म 'जज्बा' से सिल्वर स्क्रीन पर वापसी कर रही हैं ऐश्वर्या राय। इस फिल्म के पहली लुक को कांस फिल्मोत्सव में मिल रही प्रतिक्रिया से खुश हैं।
‘सफल होने की होड़ और बाजारवाद चिंता का विषय’

‘सफल होने की होड़ और बाजारवाद चिंता का विषय’

लोगों में आज सफल होने की होड़ तेजी से बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए जानी मानी लेखिका अलका सरावगी ने कहा कि आज बाजार सबके लिए मूल्यबोध के पैमाने बनने के साथ साधन एवं साध्य बन गया है और ऐसे में लेखकों की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है।
कान के रेड कार्पेट पर ऐश का जादू

कान के रेड कार्पेट पर ऐश का जादू

बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन ने एली साब का शानदार गाउन पहनकर कान फिल्मोत्सव के रेड कार्पेट पर अपनी बेमिसाल खूबसूरती का जलवा बिखेरा। 41 वर्षीय पूर्व विश्व सुंदरी बिना आस्तीन की नेट की ड्रेस में बेहद खूबसूरत लग रही थीं और उनके खुले बाल उनकी सुंदरता में चार चांद लगा रहे थे।
राजीव हत्‍याकांड: 11 अनसुलझे सवाल

राजीव हत्‍याकांड: 11 अनसुलझे सवाल

राजीव गांधी हत्‍याकांड से जुड़े कई प्रश्न आज भी जिंदा हें। कई लोग भी इन सवालों के घेरे में आए। राजीव गांधी की 24वीं पुण्‍यतिथि इक्‍कीस मई से पूर्व इस हत्‍याकांड से जुड़े सवालों पर नजर
पुरस्कारों के लिए करनी पड़ती है लाॅबिंग: रामदेव

पुरस्कारों के लिए करनी पड़ती है लाॅबिंग: रामदेव

पुरस्कारों में लॉबिंग को लेकर बाबा रामदेव ने हमला बोला है। रामदेव का कहना है कि पद्म पुरस्कारों और नोबेल पुरस्कार तक के लिए भी चयन की प्रक्रिया में बहुत लाॅबिंग होती है और जिनके पास राजनीतिक रसूख होता है वे इसे पाने में सफल होते हैं। हाल ही में योगगुरू ने पद्म विभूषण को स्वीकार करने से मना कर दिया था।
किताब के जरिए अब्दुल कयूम ने बयां किया दर्द

किताब के जरिए अब्दुल कयूम ने बयां किया दर्द

गुजरात के अक्षरधाम मंदिर में आतंकी हमले के इल्जाम से बरी हुए मुफ्ती अब्दुल कयूम ने अपने दर्द को किताब के जरिए बताया है। '11 साल जेल में' शीर्षक से लिखी गई इस किताब में कयूम ने पुलिस प्रताड़ना से लेकर सामाजिक बुराइयों के बारे में विस्तार से लिखा है।
आयरलैंड से भारत यात्रा साइकिल पर

आयरलैंड से भारत यात्रा साइकिल पर

रोमांचपसंद डेवरेला मर्फी ने सन 1965 में साइकिल पर आयरलैंड से भारत की यात्रा की थी। इसी यात्रा के अनुभव को उन्होंने अपनी पुस्तक ‘फुल टिल्ट’ में लिखा है।
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