फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार हुए दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर इस मामले में लगातार तोमर का बचाव करने के आरोप लग रहे थे।
कानून की डिग्री हासिल करने में धोखाधड़ी और जालसाजी करने के आरोपों में मंगलवार पूर्वाह्न गिरफ्तार किए गए दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को साकेत कोर्ट ने चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस अब तोमर को दोनों संबंधित यूनिवर्सिटी में ले जाकर जांच करेगी।
दक्षिण अफ्रीकी सरकार में शीर्ष स्तर पर एक करोड़ डालर के भुगतान को स्वीकृति दी गई थी जिसके बारे में अमेरिकी जांचकर्ताओं को संदेह है कि यह 2010 फुटबाल विश्व कप की मेजबान हासिल करने के लिए रिश्वत थी। एक मीडिया रिपोर्ट में आज यह दावा किया गया।
त्रिपुरा में विवादास्पद अफ्सपा कानून भले ही हट गया है लेकिन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है कि अगर जम्मू-कश्मीर या देश के किसी राज्य में आंतरिक सुरक्षा के लिए सेना को तैनात रखना है तो अफ्सपा जरूरी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गन्ना किसानों के 75 फीसदी बकाया भुगतान15 जुलाई तक करवाने के निर्देश दिए हैं। यूपी के गन्ना किसानों को करीब 18 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों के पास अटका हे, जिसके हासिल करने के लिए किसानों को लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ रही है।
स्विट्जरलैंड में आधिकारिक तौर पर ताजा सार्वजनिक किए गए बीसियों विदेशी स्विस बैंक खाता धारकों में मात्र पांच भारतीय खाताधारकों के होने से एक बार फिर साफ हो चला है कि विदशों में अवैध धन जमा कराने वाले भारतीयों के मामले में दिखावटी शोर ज्यादा और वास्तविक कार्रवाई कम हो रही है।
पिछले दो सालों में संघीय कानून अनुपालन एजेंसियों ने 567 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजा है जबकि 6,360 भारतीयों को इसी अवधि में अमेरिका में घुसने की कोशिश करने के दौरान अमेरिकी सीमा पर हिरासत में लिया गया।
हमारी सरकार यह कहकर जनता का समर्थन जुटा रही है कि नया किशोर न्याय विधेयक 16 से 18 साल के उन बच्चों के लिए है जो वयस्कों की तरह जघन्य अपराध को अंजाम देते हैं लेकिन इसमें उसी पहलू को नजरअंदाज कर दिया गया है जिसके लिए यह विधेयक बनाने का सुझाव दिया गया था।
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को विवादास्पद किशोर न्याय कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। संशोधित विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि किशोर न्याय बोर्ड यह निर्णय करेगा कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में शामिल 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोर को सुधार गृह में रखा जाये या उस पर सामान्य अदालत में मुकदमा चलाया जाये। इस बारे में बात किए जाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर का कहना है ‘ यह बहुत ही गलत फैसला है। इसके तहत सिर्फ यह देखा जा रहा है कि जेलें कैसे भरी जाएं, यह नहीं देखा जा रहा कि बालसुधार गृहों में क्या सुधार किए जाएं, बच्चों को सामाजिक माहौल कैसा दिया जाए, उनकी मनोविज्ञानिक चिकित्सा के सिलसिले में क्या किया जाए या उन्हें किस प्रकार की वोकेशल ट्रेनिंग दी जाए।’
केंद्र की मोदी सरकार अगर कारोबार को बढ़ावा देने के नाम पर श्रम कानूनों में बदलाव के अपने एजेंडे पर अड़ी रहती है तो देश की मजदूर यूनियनें इसके खिलाफ हड़ताल पर जाने से नहीं हिचकेंगी। इसमें भाजपा से जुड़ी श्रमिक यूनियनें भी शामिल होंगी। इस बारे में कोई भी फैसला 26 मई को लिए जाने की उम्मीद है।