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बांसुरी स्वराज को गृह मंत्रालय ने दी बड़ी जिम्मेदारी, दिल्ली नगरपालिका परिषद की मिली सदस्यता

बांसुरी स्वराज को गृह मंत्रालय ने दी बड़ी जिम्मेदारी, दिल्ली नगरपालिका परिषद की मिली सदस्यता

केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के सदस्य के रूप में लोकसभा सांसद...
लोकसभा चुनाव में राजनीतिक परिवारों की नयी पीढ़ी के लिए परिणाम मिले-जुले रहे, बांसुरी स्वराज, श्रीकांत शिंदे और करण भूषण सिंह ने जीत हासिल की

लोकसभा चुनाव में राजनीतिक परिवारों की नयी पीढ़ी के लिए परिणाम मिले-जुले रहे, बांसुरी स्वराज, श्रीकांत शिंदे और करण भूषण सिंह ने जीत हासिल की

राजनीतिक परिवारों की नयी पीढ़ी के नेताओं ने इस बार के लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है।...
सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह के जमानत आदेश से बांसुरी स्वराज का नाम हटाने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह के जमानत आदेश से बांसुरी स्वराज का नाम हटाने का निर्देश दिया

उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह को जमानत देने के अपने आदेश से वकील बांसुरी...
क्या सुनीता केजरीवाल अब दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं? भाजपा नेता बांसुरी स्वराज ने ‘आप’ से पूछा सवाल

क्या सुनीता केजरीवाल अब दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं? भाजपा नेता बांसुरी स्वराज ने ‘आप’ से पूछा सवाल

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता बांसुरी स्वराज ने आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधा और उससे सवाल किया...
लोकप्रियता का शॉर्टकट नहीं होता : हरिप्रसाद चौरसिया

लोकप्रियता का शॉर्टकट नहीं होता : हरिप्रसाद चौरसिया

मशहूर बांसुरीवादक हरिप्रसाद चौरसिया का मानना है कि संगीत की दुनिया में आने की इच्छा रखने वाली वर्तमान पीढ़ी को संगीत की विभिन्न विधाओं से अच्छी तरह वाकिफ होना चाहिए।
‘बांसुरी मेरा पहला प्यार है’-मु्‍क्तेश चंद्र

‘बांसुरी मेरा पहला प्यार है’-मु्‍क्तेश चंद्र

दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त यातायात मुक्तेश चंद्र का नाम सुनते ही एक दबंग अंदाज, कड़क मिजाज और अनुशासन प्रिय अधिकारी की छवि उभरकर सामने आती है। लेकिन इस छवि के अलावा मुक्तेश चंद्र की पहचान एक बांसुरी वादक के रुप में भी है। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी मुक्तेश चंद्र से बांसुरी के प्रति उनके लगाव और निष्ठा को लेकर बातचीत की गई। पेश है प्रमुख अंश-
इक आग का दरिया है बांसुरी

इक आग का दरिया है बांसुरी

मशहूर बांसुरीवादक पंडित रानेंद्र (रोनू) मजूमदार ने हाल ही में सिर्फ बच्चों के लिए एक म्यूजिक ऐलबम निकाला है। पांच हजार से ज्यादा दफा अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुति दे चुके रोनू मजूमदार का कहना है कि संगीत के क्षेत्र में अब वह सिर्फ बच्चों के लिए काम करना चाहते हैं ताक‌ि अगली पीढ़ी इस व‌िरासत को संभाल सके। वाराणसी में जन्मे मजूमदार वर्ष 1974 से मुंबई में रह रहे हैं। बांसुरी में इनके पहले गुरू इनके प‌िता डॉ. भानू मजूमदार थे, जो शौक‌िया बांसुरी बजाते थे। आउटलुक ने उनसे बात की।
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