पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कुछ स्थानों पर गोलीबारी की, जिसके बाद भारतीय सेना ने तत्काल जवाबी कार्रवाई की।
भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा, "पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर कुछ स्थानों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की। भारतीय सेना ने इसका प्रभावी ढंग से जवाब दिया। कोई हताहत नहीं हुआ।"
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर आतंकवादियों के हमले में 26 लोग मारे गए थे। इस घटना से देश भर में आक्रोश फैल गया है और देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तथा पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
आतंकवादी हमले के बाद, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना, और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को निरस्त माना जाएगा। दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा।"
उन्होंने यह भी बताया कि अटारी स्थित एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। बता दें कि भारत ने पहलगाम हमले के बाद 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को भी रोक दिया था।