Advertisement

नज़रिया

आपदा से टूट गया नेपाल

आपदा से टूट गया नेपाल

नेपाल में आए भीषण भूकंप ने जहां इस देश को बुरी तरह से झकझोर दिया वहीं इस देश की सीमा से लगे भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का आदेश हुआ कि एक समाजवादी टीम को नेपाल में जाकर लोगों की मदद करनी चाहिए। इसका नेतृत्व माननीय मुख्यमंत्री जी ने मुझे सौंपा और मैं २७ अप्रैल को ५० सदस्यीय टीम लेकर लखनऊ से नेपाल रवाना हो गया।
नेपाल के शीर्षस्थों को चेतावनी की घंटी

नेपाल के शीर्षस्थों को चेतावनी की घंटी

नेपाल में क्षमता है कि वह दक्षिण एशिया के राष्ट्र-राज्यों के लिए एक उदाहरण बन सके। लेकिन यदि गहरे इतिहास को छोड़ दें तो आधुनिक युग में निरंतर राजनीतिक और प्राकृतिक दुर्घटनाओं ने नेपाल के लोगों के उत्साह और प्रयासों पर पानी फेरा है। इस साल 2015 में नेपाल का महाभूकंप इस देश के लिए एक अवसर प्रदान करता है।
भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

भारतीय मीडिया और स्त्री सौंदर्य के रूपक-विरूपक

बाज़ार को बेचने हैं सौंदर्य को बढ़ाने वाले संसाधन इसलिए ‘च्‍वाइसेस’ या विकल्‍पों की बात हो रही है। लेकिन मुझे परेशानी इस बात से ज्यादा है कि वही स्त्री जब भारत के सड़कों, गलियों, खेतों, खलिहानों, कस्बों में बलत्कृत, क्षत-विक्षत मृत शरीर के रूप मे पाई जाती है। तब ना आपको उस पर बात करने से गुरेज है और ना उसका छायांकन करने में। लेकिन वही स्त्री जीवित अवस्था में अपने उसी शरीर पर हक की बातें करती है तो आपको 'परिवार व्यवस्था' से लेकर 'स्त्री देवी' के भ्रम के टूटने की धमक सुनाई देने लगती है।
ऐसी सरकार में महिला की खैर नहीं

ऐसी सरकार में महिला की खैर नहीं

पंजाब के मोगा जिले में चलती बस में 14 साल की बच्ची कडंक्टर और उसके दोस्तों की छेड़छाड़ का शिकार हुई। मुखालफत करने पर मां-बेटी को चलती बस से फेंक दिया गया। लड़की की मौके पर मौत हो गई जबकि मां की हालत गंभीर है। अहम बात यह है कि यह बस पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की है। भारत सरकार ने कहा है कि पत्नी से बलात्कार की अवधारणा भारत में लागू नहीं हो सकती है क्योंकि यहां विवाह को संस्कार माना जाता है। इस तर्क के आधार पर सरकार ने वैवाहिक संबंधों में होने वाले बलात्कार को कानूनन अपराध बनाने से इंकार कर दिया है। इस बारे में गृह राज्य मंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी के बयान से देश में नई बहस छिड़ गई है। लंबे समय बाद हरियाणा के ब्रांड एंबैसेडर और योग गुरू बाबा रामदेव की दवाएं फिर राज्यसभा में चर्चा का विषय बनीं। जेडी (यू) महासचिव केसी त्यागी ने संसद में कहा कि दिव्य फार्मेसी ‘ पुत्रजीवक बीज ’ के नाम से बेटा पैदा करने की दवा बेचती है। उन्होंने इसपर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, जबकि देश में बेटियां कम होती जा रही हैं।
किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

23 अप्रैल 2015 को दौसा के गजेंद्र सिंह के रूप में देश के हाहाकार ने जंतर-मंतर पर दम तोड़ दिया। उसकी चीखती खामोशी को सत्‍ता और मीडिया की धडक़नों में एक और हाहाकार के रूप में धड़कना चाहिए था।
गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

ये आंकड़ा हर किसी को पता है कि इस देश में 1995 से अब तक साढ़े तीन लाख किसानों-खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। दैनिक औसत निकालें तो 50 लोग हर रोज जान दे रहे हैं। 20 साल में देश की सत्ता और सिस्टम इन मौतों के जिम्मेदारों की शिनाख्त नहीं कर पा रही है। चूंकि, शिनाख्त नहीं हुई इसलिए आगे की कार्रवाई की भी जरूरत नहीं। एक खेल चल रहा है जिसमें राजनीतिक दल एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। उनका ध्यान समस्या ओर उसके समाधान पर नहीं है, बल्कि खुद को दूसरों से उजला, ईमानदार और संवेदनशील दिखाने पर है। ऐसे में कोई गजेंद्र मरे तो मरता रहे, उनकी बला से।
पिपली लाइवः दिल्ली में किसान की जान के मायने

पिपली लाइवः दिल्ली में किसान की जान के मायने

शर्म इनको नहीं आती। एक किसान ने अपनी जान दी। उसने किस गहरे नैराश्य में डूबकर अपनी जिंदगी को फांसी लगाई, इस पर चर्चा करने के बजाय बाकी सारे पहलुओं पर बात पूरी बेहयायी के साथ बैटिंग चल रही है। किसान अपनी जेब में अपनी व्यथा की जो छोटी सी पुर्जी लेकर चल रहा था, वैसी ही पुर्जी लाखों किसानों ने आत्महत्या करने से पहले अपने दिलों में लिखी होगी।
अक्षय तृतीया के पार है बाल विवाह का क्षय

अक्षय तृतीया के पार है बाल विवाह का क्षय

21 अप्रैल को आखा तीज यानी अक्षय तृतीया का अबूझ सावां बीत गया। अबूझ सावां मतलब हिंदु विवाह का सर्वव्यापी शुभ लग्न। कहते हैं, इस दिन विवाह के लिए मुहर्त निकालने या जन्मकुंडली मिलान की जरूरत नहीं पड़ती। अक्षय तृतीया को आरंभ विवाह का शुभ काल पीपल पून्यो यानी पीपल पूर्णिमा तक 12 दिन रहता है।