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मनीषा भल्ला

' पंजाब में 84 का माहैल नहीं पर चौकसी जरूरी '

' पंजाब में 84 का माहैल नहीं पर चौकसी जरूरी '

25 साल बाद पंजाब का अमन भंग कर गुरदासपुर में खेला गया आतंक का खेल बताता है कि सब कुछ सामान्य नहीं है। जम्मू-कश्मीर की सीमा पार कर दहशतगर्दों ने यह संदेश दिया कि वे जम्मू-कश्मीर के अलावा और भी कहीं हिंसा को अंजाम दे सकते हैं। गुरदासपुर हमले में एक पुलिस अधीक्षक सहित सात लोगों की हत्या कर दहशतगर्दों ने एक दफा फिर पंजाब को खौफजदा कर दिया है।
यह वह पार्टी नहीं, जिसमें हम आए थे: शांता कुमार

यह वह पार्टी नहीं, जिसमें हम आए थे: शांता कुमार

बतौर प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी की ताजपोशी के बाद भारतीय जनता पार्टी में पहली दफा मुखालफत की आवाज सुनाई दी। यह आवाज है पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार की जिन्होंने मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटालों पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिख पार्टी में हड़कंप मचा दिया। शांता का यह पत्र महज पत्र नहीं है बल्कि भाजपा के अंदर एक-दूसरे के प्रति अविश्वास की खाई और घुटन का सुबूत है। भाजपा में जो चल रहा है वह इनकी पीढ़ी के नेताओं के लिए हजम न होने वाला माहौल है। पार्टी के घुटन भरे माहौल पर शांता कुमार ने आउटलुक की विशेष संवाददाता से अपने दिल्ली स्थित निवास पर खुलकर बातचीत कीः
पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद की खूनी दस्तक?

पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद की खूनी दस्तक?

आज सुबह पंजाब के गुरदासपुर में आतंकी हमला शुरू होते ही ट्विटर पर खालिस्‍तान ट्रेंड करने लगा। हालांकि, अभी तक हमलावर आतंकियों की पहचान सार्वजनिक नहीं हुई है लेकिन पंजाब में आतंक की वापसी को खालिस्‍तान की दस्‍तक के तौर पर देखा जा रहा है। इंटेलिजेंस एजेंसियों के आगाह करने के बावजूद पंजाब सरकार पंजाब में आतंकी हमला रोक पाने में असमर्थ रही। बीते वर्षों में एक नहीं बल्कि कई ऐसी घटनाएं हुईं जो बता रही थीं कि पंजाब की शांति भंग हो सकती है। आउटलुक ने इसके बारे में पिछले माह जून की शुरुआत में ही आगाह कर दिया था।
देवी मंदिर की दहलीज पर रोके गए दलित

देवी मंदिर की दहलीज पर रोके गए दलित

छुआछूत उन्मूलन के सारे सरकारी वादे खोखले हो जाते हैं जब खबर आती है कि किसी मंदिर में दलितों को जाने से रोका गया। हिमाचल प्रदेश के जोगिंद्रनगर जिले के गांव घटासणी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां दलितों को जालपा मंदिर में प्रवेश से न केवल रोका गया बल्कि फतवे के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले दलितों को धमकाया भी जा रहा है। हालांकि इस घटना को दबाने के लिए प्रशासन और पुलिस ने ठीक से लीपापोती कर दी है।
हरियाणा में हो रही है मंत्रियों की जासूसीः अनिल विज

हरियाणा में हो रही है मंत्रियों की जासूसीः अनिल विज

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज आए दिन किसी न किसी विवाद को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। आज विज ने अपनी ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हरियाणा में मंत्रियों की जासूसी हो रही है। इस आरोप से सचिवालय में हड़कंप मच गया है।
गजेंद्र चौहान के पक्ष में टकराव पर उतरे हिंदुत्ववादी संगठन

गजेंद्र चौहान के पक्ष में टकराव पर उतरे हिंदुत्ववादी संगठन

फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) परिसर में आंदोलनकारी छात्रों को जबाव देने के लिए हिंदुतत्वादी संगठन टकराव और तोड़फोड़ पर उतर आए हैं। पुणे के पतित पावन संगठन ने एफटीआईआई परिसर में ‘गजेंद्र हम तुम्हारे साथ हैं’ के नारे लगाए। आंदोलकारी छात्रों का आरोप है कि कल रात इसी संगठन के सदस्यों ने प्रतीक के रूप में अंदोलनकारी छात्रों द्वारा लगाई गई एक कलाकृति तोड़ दी और तोड़फोड़ मचाई। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र प्रतीक वत्स कहते हैं कि ‘ वे लोग नारे लगा रहे थे, नक्सलवादियों बाहर निकलो। ’
मन की व्यथा लिखी है पत्र मेंः  शांता कुमार

मन की व्यथा लिखी है पत्र मेंः शांता कुमार

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश से भाजपा सांसद शांता कुमार के फेसबुक पर डाले गए पत्र से भाजपा के अंदर खलबली मच गई है। यह पत्र पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को लिखा गया है। पत्र में शांता कुमार ने लिखा, ‘ घोटालों को लेकर खबरों से पार्टी का सिर झुक गया है।’ इस बवाल से संबंधित कुछ पहलुओं पर शांता कुमार ने अपने दिल्ली स्थित निवास पर बातचीत की। हालांकि इस बीच उन्हें शांत करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के फोन आते रहे।
दास्ताने दंगाः औरतों का वाकई घर नहीं होता

दास्ताने दंगाः औरतों का वाकई घर नहीं होता

दंगा कैसा भी हो कहीं का भी हो उसकी सबसे ज्यादा मार औरतों और बच्चों पर पड़ती है। बीती 25 मई को हरियाणा के गांव अताली में फैली सांप्रदायिक हिंसा में भी ऐसा ही हुआ। इतिहास गवाह है कि दंगों की सबसे कमजोर कड़ी महिलाएं रही हैं। इसे देखते हुए अताली गांव के मुसलमान परिवारों ने 25 मई को हुए पहले हमले के फौरन बाद अपनी बहू-बेटियों महफूज ठिकानों पर भेज दिया। अताली में 4 जुलाई हुए दूसरे हमले में मुसलमान घरों में जवान बहू-बेटियां नहीं थीं।
दास्ताने दंगाः ‘अताली को, मुजफ्फरनगर नहीं बनने देंगे’

दास्ताने दंगाः ‘अताली को, मुजफ्फरनगर नहीं बनने देंगे’

मैंने मुजफ्फरनगर के सांप्रदायिक दंगों की कवरेज भी की थी। अताली (बल्लभगढ़-हरियाणा) के सांप्रदायिक दंगों और मुजफ्फरनगर के दंगों में बहुत सी समानताएं पाईं लेकिन असमानता है तो सिर्फ एक। वह यह है कि अताली के 150 से ज्यादा गांव छोड़ने वाले मुसलमानों का कहना है, ‘ इसे मुजफ्फरनगर नहीं बनने देंगे, यह अताली है अताली, गांव हमारा था, हमारा है, हम वहां जाएंगे। इंशाल्ला हो सका तो ईद गांव में होगी।’
नहीं चाहिए ऐसे पैसे जो संगीत का अपमान कर कमाए गए हों- मिलन सिंह

नहीं चाहिए ऐसे पैसे जो संगीत का अपमान कर कमाए गए हों- मिलन सिंह

नब्बे के दशक में जब गायिका मिलन सिंह सिल्वर स्क्रीन पर आईं तो लोग इसी पसोपेश में रहते थे कि वह महिला हैं या पुरुष। वह दोनों आवाजों में गाया करती थीं। तब उनके गीत युवाओं की जुबान पर रहते । खासकर ‘ अक्ख दे इशारे नाल गल कर गई कुड़ी पटोले वरगी ’ और ‘हाणियां तू कर लै प्यार की जिना तेरा जी करदा ’। इन गीतों की वजह से लोग उन्हें पंजाबी समझते लेकिन मिलन सिंह उत्तर प्रदेश में इटावा के एक गांव की रहने वाली हैं और ठाकुर परिवार में जन्मीं हैं। 32 सुपरहिट एलबम देने वाली मिलन सिंह ने हाल ही में संगीत की दुनिया में पुनः वापसी की है। पेश है उनके बातचीत के कुछ अंश-
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