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मनीषा भल्ला

केजरीवाल को निरंकारी समागम में जाना पड़ सकता है मंहगा

केजरीवाल को निरंकारी समागम में जाना पड़ सकता है मंहगा

पंजाब में चुनावी माहौल के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में होने वाले निरंकारी संत समागम में जाना मंहगा पड़ सकता है। पंजाब में चुनावी गहमागहमी शुरू हो चुकी है। मुक्तसर में होने वाले माघी मेले में आम आदमी पार्टी भी चुनाव का बिगुल फूंक रही है। गौरतलब है कि इस मेले में हर राजनीतिक दल अपना-अपना पंडाल लगा शक्ति प्रदर्शन करता है। एक ओर केजरीवाल दिल्ली में सिख दंगा पीड़ितों को चैक बांट रहे हैं दूसरी ओर सिखों के धुर विरोधी निरंकारी समागम में अपनी हाजिरी लगा रहे हैं।
बोलीं बादल की बहू, सिखों को अकाली दल से दूर करने की साजिश

बोलीं बादल की बहू, सिखों को अकाली दल से दूर करने की साजिश

‘पंजाब में आम आदमी पार्टी कांग्रेस की बी टीम है। दोनों पार्टियां मिलकर अकाली दल के मूल वोटबैंक में सेंध लगा रही हैं। दोनों ही राज्य में राष्ट्र विरोधी पार्टी के तौर पर काम कर रही हैं।‘ यह कहना है केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर का। आउटलुक हिंदी से बातचीत में उन्होंने यह बातें कहीं। गौरतलब है कि हरसिमरत कौर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बहू और उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं। पंजाब में वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीते दिनों राजनीतिक तौर पर भी पंजाब सुर्खियों में रहा है। इसी संदर्भ में हरसिमरत कौर का कहना है कि चुनावों के मद्देनजर अकाली दल को बदनाम करने की साजिशें रची जा रही हैं।
कैप्टन अमरिंदर या परनीत कौर में से एक लड़ेगा चुनाव

कैप्टन अमरिंदर या परनीत कौर में से एक लड़ेगा चुनाव

पंजाब में 117 विधानसभा सीटों के लिए वर्ष 2017 में चुनाव हैं लेकिन राजनीतिक हलचल चरम पर है। पंजाब से कांग्रेसी नेता और पटियाला से विधायक परनीत कौर का कहना है कि इस दफा परिवार का निर्णय है कि परिवार से एक ही व्यक्ति चुनाव लड़ेगा, ज्यादा संभावना है कि उनकी बजाय कैप्टन अमरिंदर सिंह चुनाव लड़ें।
उर्दू अदब की कहानी,शायर हनफी की जुबानी

उर्दू अदब की कहानी,शायर हनफी की जुबानी

‘गजल एक लंबी यात्रा तय करती हुई, वस्ल की रात, महबूब की जुल्फें, हिज्र, सनम की बेरुखी, रुखसार, हुस्न और इश्क के सांचे से निकल चुकी है।‘ ऐसा कहना है कि उर्दू के मशहूर अफसानानिगार और गजलकार मुजफ्फर हनफी का। वह कहते हैं, ‘ लोग मानते हैं कि गजल औरतों से गुफ्तगू करने का नाम है, जो इश्कमिजाजी से लबरेज रहती है जबकि गजल अब विषय पर केंद्रित हो चुकी है। यहां तक कि गालिब जैसों ने भी विषयों पर गजलें लिखी है लेकिन यह अलग बात है कि गजल के उस रूप को तवज्जो कम मिली।
निर्भया कांडः निगहबानी की कमी से बनते अपराधी बच्चे

निर्भया कांडः निगहबानी की कमी से बनते अपराधी बच्चे

निर्भया बलात्कार कांड के नाबालिग मुजरिम के बाल सुधार गृह से 21 दिसंबर को छूटने के बाद भी उस मसले पर बहस जारी है और नए बाल अपराध कानून को लेकर मशक्कत चल रही है। इस संबंध में इस संवाददाता को उस समय का एक प्रसंग याद रहा है।
पुरुष-पुरुष प्यार के कारण जीवन जेल हो गया

पुरुष-पुरुष प्यार के कारण जीवन जेल हो गया

राजस्थान के रहने वाले नकुल शर्मा काफी परेशान हैं। इस दफा उन्हें संसद से काफी उम्मीद थी कि धारा 377 से संबंधी विधेयक पर जरूर कुछ न कुछ होगा। आखिरकार सर्वोच्च न्यायालय ने गेंद संसद के पाले में डाली है। लेकिन कांग्रेसी नेता शशि थुरूर का विधेयक पटल तक पर नहीं आ सका। इस संबंध में नकुल शर्मा की परेशानी यह है कि वह गे यानी समलैंगिक हैं। उनका कहना है कि उन्हें लैंगिक अल्पसंख्यक का दर्जा चाहिए। अपनी कहानी के जरिये नकुल बताते हैं कि बलात्कार सिर्फ मर्द औरत के बीच नहीं होता है बल्कि उनके जैसे असंख्य लोगों के साथ होता है तो कोई कानून नहीं है जो उन्हें न्याय दिलवा सके।
एक किन्नर की जिंदगी के काले सफे

एक किन्नर की जिंदगी के काले सफे

‘उस घटना ने मेरी जिंदगी बदल डाली थी। मैं रोजी रोटी कमाने के लिए वेश्यावृति करने लगी लेकिन बेंगलुरू की उस रात मार्क्स सड़क पर मैं किसी ग्राहक के पास नहीं गई थी बल्कि किसी से मिलने गई थी। स्थानीय पुलिस को आदेश हुए कि इलाके की तमाम वेश्याओं को उठा लिया जाए। मैं सड़क किनारे खड़ी थी। मुझे भी उस रात पुलिस उठा ले गई। थाने में 18 पुलिस वालों और 10 कैदियों के सामने मुझे पूरा नंगा कर दिया गया। पुलिस वालों ने मेरी छातियां दबा-दबा कर देखीं। बोल रहे थे कि मजा कहां से लेती हो? उन्होंने मेरे अंदर डंडे डाले। चीखों के मारे पुलिस स्टेशन हिल गया लेकिन किसी ने मुझपर तरस नहीं किया।
पंजाब में अंग प्रत्यारोपण होगा आसान

पंजाब में अंग प्रत्यारोपण होगा आसान

पंजाब सरकार बहुत जल्द राज्य में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियन (ऑर्गेन ट्रांसप्लांट एक्ट) लागू करने जा रही है। राज्य के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री अनिल जोशी के अनुसार भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से वर्ष 1994 में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम बनाया गया था, जिसे पंजाब सरकार ने भी लागू किया था लेकिन इस संबंध में वर्ष 2011 का संशोधित अधिनियम और वर्ष 2014 के नियम राज्यों को लागू करना अनिवार्य नहीं था। अब राज्य सरकार वह करने जा रही है। गौरतलब है कि पंजाब मानव अंगों की तस्करी की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहा है। जोशी के अनुसार समय की मांग अनुसार इस अधिनियम में कई बार संशोधन किए गए थे क्योंकि अंग प्रत्यारोपण जान बचाने के लिए एक बहुत कारगर प्रयास साबित हुआ है। उनका कहना है कि इस समय किडनी, आंखें और लीवर आदि प्रत्यारोपित कर हजारों जानें बचाई जा रही हैं।
भाजपा के हीरो मंगल सैन हैं, शहीद भगत सिंह नहीं?

भाजपा के हीरो मंगल सैन हैं, शहीद भगत सिंह नहीं?

बेशक, चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम फौरी तौर पर चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट रख दिया गया हो लेकिन नाम को लेकर सियासी खींचतान अब भी जारी है। हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रचारक और भाजपा नेता मंगलसेन के नाम पर एयरपोर्ट का नाम रखे जाने का प्रस्ताव रखा है। खट्टर के इस प्रस्ताव की खासी आलोचना हो रही है।
ट्रांसजेंडरों का सवालः जननांग वालों के ही होते हैं हक?

ट्रांसजेंडरों का सवालः जननांग वालों के ही होते हैं हक?

अभी तक वे अधिकार जो समानता देते हैं और मानवाधिकारों को महफूज करते हैं वे महिलाओं और पुरुषों के लिए हैं। उनमें ट्रांसजेंडर कम शामिल हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की नालसा जजमेंट के तहत इनके अधिकार परिभाषित किए गए थे लेकिन इनके अनुसार सब कागजों में हैं। वर्ष 2014 में ट्रांसजेंडर्स के अधिकार सुनिश्चित करता एक निजी बिल भी राज्यसभा में पेश किया था। यह बिल डीएमके के राज्यसभा सदस्य तिरुचि सिवा ने पेश किया था। राज्यसभा ने इसे पारित भी कर दिया था। अब यह बिल लोकसभा में पेश होना है लेकिन ट्रांसजेंडर समुदाय इसके खिलाफ है। कर्नाटक ट्रांसजेंडर समिति के बैनर तले इस बिल के मौजूदा रूप की मुखालफत हो रही है।