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मनीषा भल्ला

प्रदूषण रेड अलर्ट के करीब दिल्ली

प्रदूषण रेड अलर्ट के करीब दिल्ली

वायु प्रदूषण को लेकर चीन की राजधानी बीजिंग में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहां स्कूल-कॉलेज, निर्माण कार्य, कारें और बाहरी वाहन बंद है। दिल्ली का वायु प्रदूषण बीजिंग के वायु प्रदूषण के आसपास ही है। दिल्ली सरकार ने भी इस धुंध और धूल (स्मॉग) भरे प्रदूषण से निपटने के लिए कुछ योजनाएं लागू करने का फैसला किया है। जिनमें सबसे अधिक बवाल उस फैसले पर हो रहा है, जिसके तहत सड़कों पर एक दिन सम (ईवन) और दूसरे दिन विषम (ऑड) संख्या वाली कारें चलेंगी।
मां-बहन की गालियों से मुक्त भारत की मुहिम

मां-बहन की गालियों से मुक्त भारत की मुहिम

54 वर्षीय सहर नीलोफर पिछले एक साल से रोजाना अपने घर द्वारका से जंतर-मंतर आती हैं। अपना बैनर लगाती हैं और शाम को घर लौट जाती हैं। यहां बैठकर वह प्रधानमंत्री से लेकर अलग-अलग असरदार लोगों को पत्र लिखती हैं। योजना बनाती हैं कि किस प्रकार गालीमुक्त भारत बनाया जा सके। रवानगी में अंग्रेजी भाषा में बात करते हुए नीलोफर कहती हैं ‘ समाज से मां,बहन और बेटी को संबोधित करती गालियां बंद हों।‘ यह महिला इस मुद्दे पर सिंगल वूमन ब्रिगेड की तरह काम कर रही है।
हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

हर विद्रोह में ‘विद्रोही’ जिंदा रहेगा

संघर्ष का नाम जनकवि रमाशंकर 'विद्रोही' नहीं रहे। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पिछले दो दशकों में आने वाले हजारों छात्र उनकी कविता सुनकर संघर्ष करना सीखे होंगे। 'आसमान में धान बोने वाला' ये निर्भीक कवि संघर्ष करते हुए ही मरा। सोशल मीडिया पर विद्रोही की कविताओं का उत्सव सा जारी है। आंदोलनों में उनकी कविताएं गूंजती रहती हैं लेकिन उनकी चर्चित कविताओं में ‘जब भी किसी गरीब आदमी का अपमान करती है, ये तुम्हारी दुनिया, तो मेरा जी करता है, कि मैं इस दुनिया को उठाकर पटक दूं।’, ‘मैं भी मरूंगा और भारत के भाग्य विधाता भी मरेंगे लेकिन मैं चाहता हूं कि पहले जन-गण-मन अधिनायक मरें, फिर भारत भाग्य विधाता मरें ’, ‘आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाए या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा, तो नूर मियां ही बनाते थे...’ , ‘मैं किसान हूं आसमान में धान बो रहा हूं, कुछ लोग कह रहे हैं कि पगले, आसमान में धान नहीं जमा करता, मैं कहता हूं पगले, अगर जमीन पर भगवान जम सकता है तो आसमान में धान भी जम सकता है।..’ सोशल मीडिया पर इस जनकवि को श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब है-
‘क्योंकि मेरा नाम मोहम्मद आमिर खान है’

‘क्योंकि मेरा नाम मोहम्मद आमिर खान है’

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली सरकार से कहा है कि क्यों न आतंकवाद के झूठे आरोपों में वर्षों जेल काटने वाले मोहम्मद आमिर खान को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाए? आयोग की इस सिफारिश से एक दफा फिर आमिर का मामला सुर्खियों में आ गया है। बम धमाकों के झूठे आरोप में 14 साल जेल में रहने के बाद बेशक आमिर आज आजाद आबो-हवा में सांस ले रहा है लेकिन इन 14 सालों ने उसकी जिंदगी बदल दी। उसका कहना है कि उसने इन सालों में जो खोया है,पांच लाख तो क्या पांच करोड़ भी उसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे लेकिन फिर भी वह मानवाधिकार आयोग का शुक्रिया करता है जिसकी इस सिफारिश ने इस बहस को हवा दी कि आतंकवाद के झूठे आरोप में जेल से रिहा होने के बाद सरकार की जिम्मेदारी है कि वह व्यक्ति का पुनर्वास करे। आमिर का यह भी कहना है कि बेकसूर रहते हुए भी उसने और उसके परिवार ने 14 साल सजा काटी क्योंकि उसका नाम मोहम्मद आमिर खान है।
रातें रोशन करती सूरज की तीली

रातें रोशन करती सूरज की तीली

सिर पर सुर्ख गुलाबी रंग की साड़ी का पल्लू , कंधों पर शॉल लपेटे हुए साठ वर्षीय रतन कंवर अपने काम में मग्न हैं। उनकी टेबल पर बिजली की तारें बिखरी हुई हैं और आसपास सौर लैंप रखे हैं। पेचकस हाथ में लिए वह कलपुर्जे के किसी बारीक पेच को सुलगा रही हैं। पूछे जाने पर ठेठ राजस्थानी में बताती हैं ‘ सूरज लालटण बणा री सूं । ‘ रतन कंवर जयपुर के ओखड़ास गांव की रहने वाली हैं। दस साल पहले इनके पति का देहांत हो गया था। दो शादीशुदा बेटे और दो बेटियां हैं लेकिन सभी अपनी जिंदगी में मसरूफ हैं। रतन कंवर का कहना है कि यहां यह काम सीखने के बाद वह अपने गांव लौटकर सौर लैंप और लालटेन बनाएंगी और उसे मरक्वमत करने का काम भी करेंगी। पढ़ाई-लिखाई के मामले में रतन कंवर के पास बताने को कुछ भी नहीं है लेकिन इस उम्र में इस विधा को सीखने के उनके जज्बे को सलाम है।
'तो मुलायम के घर के आगे आत्मदाह करूंगी'

'तो मुलायम के घर के आगे आत्मदाह करूंगी'

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की रहने वाली नूरसबा ने कहा है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह के घर के सामने आत्मदाह कर लेंगी। यही नहीं वह राष्ट्रपति भवन के सामने अपने मृत पति को मिले सभी पदक और सम्मान भी जला डालेंगी।
भेड़ चराने वाली जन्‍नत बानो ऐसे बनी सोलर मैकेनिक

भेड़ चराने वाली जन्‍नत बानो ऐसे बनी सोलर मैकेनिक

जयपुर-अजमेर के बीच गांव अछोकड़ा की चालीस वर्षीय जन्नतबानो आज से पांच साल पहले भेड़ें चराने का काम करती थी। गांव के किसी भी गरीब परिवार के ताने-बाने जैसी ही थी जन्नतबानों की पारिवारिक कहानी भी लेकिन भेड़ चराने को अपनी किस्मत न मानकर उसने वो किया, जिसे औरतें बहुत कम करती हैं। अपनी कोशिशों और लगन से आज वह गांव की सोलर मैकेनिक बन गई है।
'इंटरनेट पर परोसी जा रही इस्‍लाम, जेहाद की गलत परिभाषा'

'इंटरनेट पर परोसी जा रही इस्‍लाम, जेहाद की गलत परिभाषा'

जमात-ए-उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी मुसलमानों के रहने के लिए भारत को बेहतरीन देश मानते हैं, हालांकि उनके इस बयान से मुसलमानों में एक तबके ने तीखी प्रतिक्रया दी है। मौजूदा समय में आतंकवाद, युवा मुसलमान, भारत में असहिष्णुता, हिंदू नेताओं के मुसलमानों के खिलाफ आए दिन जहर उगलने जैसे मुद्दों पर आउटलुक की विशेष संवाददाता मौलाना महमूद मदनी से खास मुलाकात-
#JumlaBhagaLondon,#ModiNotWelcome टॉप ट्रेंड में

#JumlaBhagaLondon,#ModiNotWelcome टॉप ट्रेंड में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा को लेकर वहां विभिन्न संगठन उनका भारी विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वालों में आवाज-यूके और कास्ट वॉच-यूके जैसे मानवाधिकार संगठन शामिल हैं जबकि साहित्यकार सलमान रुश्दि, विष्णुप्रिया गुप्ता और नील मुखर्जी जैसी हस्तियों ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को पत्र लिख भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कसते शिकंजे पर यहां के हालात बताए। पत्र में हाल ही में भारत में हिंदू कट्टरपंथियों द्वारा की गई हत्याओं का जिक्र भी किया गया है। लंदन में प्रधानमंत्री का विरोध करने वालों में कश्मीरी और सिख समुदाय के लोग भी शामिल रहे। ट्विटर हैंडल पर हैशटैग #JumlaBhagaLondon , #ModiNotWelcome ट्रेंड करता रहा। कुछ हंसाने वाले जुमले भी तैरते रहे। सोशल मीडिया के मंच पर विरोध करने वालों ने लिखा-
‘गाय दो लत्ती मारकर निकल गई’

‘गाय दो लत्ती मारकर निकल गई’

बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजों ने साबित कर दिया है कि जिन मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा था वे जनता को स्वीकार नहीं। चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार और महागठबंधन की शानदार जीत बताती है कि मतदाता ने तय करके भाजपा को हराया है। बिहार चुनावों से संबंधित कुछ सुर्खियां जो दो बीते डेढ़ दिन से सोशल मीडिया पर तैर रही हैं।
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