बीता वर्ष काले, भयावह वर्ष के रूप में याद किया जायेगा, वहीं इसे इतिहास में ऐसे कालखंड के रूप में भी देखा जायेगा जब संपूर्ण मानवता इसका मुकाबला करने के लिए एक साथ उठकर खड़ी हुई
बॉलीवुड की जन्मस्थली मुंबई भले हिंदी सिनेमा के केंद्र के रूप में न डिगे, लेकिन देश के एक बड़े भू-भाग, हिंदी पट्टी में सिनेमा उद्योग के विकास को निश्चित ही नई रफ्तार मिलेगी
महीने भर से दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसान सरकार की पेशकश से असंतोष जाहिर करके लंबी लड़ाई की तैयारी में, आखिर इसका हल है क्या? क्या सरकार सिर्फ टालते रहने के मूड में