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मैगज़ीन डिटेल

शहरनामा/झंझारपुर

गांवों से घिरा झंझारपुर एक कस्बा है, जो शहर होना चाहता है

बिहार: चुनौती चौबीसी

इकहत्तर बरस के हो चुके नीतीश क्या एक बार प्रधानमंत्री बनने की दिली ख्वाहिश को पूरा करने की जल्दबाजी में हैं?

आजादी हीरक जयंती/पर्यावरण सेनानी: धरती कहे पुकार के...

आज चरम मौसमी घटनाओं, जैसे ग्लेशियरों के पिघलने, बादल फटने, सूनामी आने, बिजली गिरने, ऋतु-चक्र बदलने, वायरसों के प्रकोप और प्राणियों की असमय मौत में कुदरत के इस प्रतिशोध को हम रोज ही देख रहे हैं

आजादी हीरक जयंती/पर्यावरण सेनानी: धरती कहे पुकार के...

भारत की आजादी की हीरक जयंती के मौके पर एक बुनियादी बात सिरे से भुला दी गई है कि हमारी सारी आजादियां बुनियादी रूप से अपनी धरती, प्रकृति और व्यापक स्तरह पर समूचे ब्रह्माण्ड के सापेक्ष संचालित होती हैं।

आजादी हीरक जयंती/भूले-बिसरे सेनानीः आजादी के गुमनाम सुराजी

आजादी की हीरक जयंती (75वीं वर्षगांठ) पर कुछ ऐसे सुराजियों और उन बिरले अंग्रेजों की कथा याद करना जरूरी है, जिनके बिना आजादी की लड़ाई का वृतांत अधूरा है या यूं कहें कि इतिहास में जिन्हें जगह न के बराबर मिली है

इंटरव्यू/ उप-मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश/ हमारी सरकार के सामने कोई चुनौती नहीं: ब्रजेश पाठक

यूपी को ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के बारे में उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ने खुल कर बात की

पुस्तक समीक्षा: मिलना एक उम्मीद है

संकलन की एक लंबी कविता है जिसमें जीवन, मृत्यु, प्रेम, स्मृति और उसकी छायाएं अपनी चरम नाटकीयता में एक अद्भुत दृश्य बुनती हैं

पुस्तक समीक्षा: स्त्रीा चेतना और विमर्श

लगभग सौ वर्षों के अंतराल के बाद कवि विमल कुमार, अरविंद कुमार नाम से संपादकीय लिखते हुए वर्तमान समय में स्त्री्-दर्पण की जरूरत पर बात करते हैं

प्रथम दृष्टि: प्रकृति का ऋण

जब-जब किसी राष्ट्र के निजी हित का सवाल आया, सबसे पहला समझौता पर्यावरण से किया गया। शायद ही कभी किसी मुल्क की अवाम ने पर्यावरण की अनदेखी के कारण हुक्मरानों को सत्ताच्युत किया हो।

पत्र संपादक के नाम

भारत भर से आई पाठको की चिट्ठियां

देश की टॉप यूनिवर्सिटी/आउटलुक-आइकेयर रैंकिंग 2022: साहस भरी नई दुनिया

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यूनिवर्सिटी, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर शोध और विकास को बढ़ावा देने और मजबूत शोध संस्थान बनाने पर जोर है