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मैगज़ीन डिटेल

सरकार बदली, नहीं बदला अवैध खनन का खेल

मार्च 2017 से 15 अप्रैल 2018 तक 4285 एफआइआर, रोज औसतन 11 मामले अवैध खनन के दर्ज हुए, पर कार्रवाई कागजी ही साबित

अब परीक्षा का अंतिम दौर

हमें यह भी देखना होगा कि एक बेहतर समाज, एक बेहतर देश बनाने और जीवन को बेहतर करने के मोर्चे पर सरकार का कामकाज कैसा रहा है। सत्ताधारी दल और विपक्ष को इन्हीं मानकों को तवज्जो देनी चाहिए

वादों पर जवाबदेही की बेला

चार साल में किसानों और युवाओं की नाराजगी बढ़ी, 2019 के चुनाव में भाजपा को पेश आ सकती है मुश्किल, लेकिन ‌अभी भी विकल्पहीनता की स्थिति

वादे और नतीजे में फर्क भारी

चुनावी साल में मोदी सरकार क्या किसानों से किए वादे पूरा कर पाएगी या नाराजगी का शिकार होगी

निवेश का माहौल न बना तो घटे रोजगार के मौके

2011-12 के बाद निवेश और रोजगार घटने का जो दौर शुरू हुआ, उसे बदलने में मौजूदा सरकार बहुत सफल नहीं रही है, गैर-कृषि क्षेत्रों में नौकरी बढ़ने की दर कम, स्टार्टअप, मुद्रा जैसी योजनाओं से भी फायदा नहीं

कोशिश पूरी, हासिल कम

अगर मोदी की विदेश नीति को एक से दस के पैमाने पर आंका जाए तो उसे छह नंबर देना मुनासिब होगा

न कुछ किया, न कुछ हुआ

काली कमाई का जरिया पहले की तरह ही बरकरार, नासमझ फैसलों से नहीं पड़ा फर्क

चार साल में चौथाई काम

गंगा की सफाई और नदियों का प्रवाह बनाए रखने में प्लानिंग की कमी और क्रियान्वयन की सुस्ती

शहरों को स्मार्ट होने का इंतजार

स्मार्ट सिटी मिशन का दो फीसदी फंड भी खर्च नहीं हो पाया

गेम नहीं, नेम चेंजर सरकार

हवाई वादों और फर्जी आंकड़ाें में उलझाकर नफरत, नाराजगी और निराशा ही एनडीए सरकार की कथा

सफलताओं के चार साल

केंद्र की एनडीए सरकार ने कई महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किए, कुछ कमियां भी रहीं पर फैसले सुधारे भी गए

जुमलेबाजी की खुली पोल

चार साल में संवैधानिक संस्थाओं, न्यायपालिका पर हमले, नफरत बढ़ी, भ्रष्टाचार फैला, रोजगार घटे

चेले की तल्खी से गुरु खिसियाए

सिद्धरमैया के लगातार हमलों से देवेगौड़ा के तेवर गरम, दोनों की टकराहट से भाजपा को फायदे की उम्मीद मगर हालात उलझन भरे

हाईकमान को चुनौती

राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने झुकने को तैयार नहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे

अब बढ़ा दलित-पिछड़ों पर दांव

समाजवादी पार्टी और बसपा के साथ आने के बाद भाजपा की दलितों-पिछड़ों को सरकार और संगठन में अहम पद देकर प्रदेश के नए सियासी समीकरण को साधने की कोशिश

अध्यक्ष बदल ठोका ताल

कांग्रेस ने जातिगत संतुलन के लिए चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए, भाजपा में शिवराज की पसंद को तरजीह

विरोधाभासों का महज प्रबंधन

भाजपा और पीडीपी को पता है कि जम्मू-कश्मीर के हालात बदतर होने के बावजूद दोनों का एक साथ रहना ही बेहतर विकल्प

फिर आरटीआइ की गुगली में फंसा बीसीसीआइ

विधि आयोग की सिफारिश के बावजूद यह सबसे अमीर खेल संगठन ताकतवर नेताओं की शह से आरटीआइ के दायरे से बाहर रहने की फिराक में

सबसे ठगी, सबकी ठगी

उनका भी डूबा, हमारा अकेले थोड़े डूबा, यह स्वर अब राष्ट्रीय स्वर है

यह कमजोरी तो भारी चिंताजनक

सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख न अपनाना बेहद दुखद, न्यायपालिका और लोकतंत्र के लिए इसके खतरनाक नतीजों का अंदेशा

सभापति की उलटबांसी

राज्यसभा के सभापति ने महाभियोग प्रस्ताव की समूची प्रक्रिया को ही सिर के बल खड़ा कर दिया

आस्था के डेरों का पतित पुराण

अब आसाराम बापू, इसके पहले राम पाल, राम रहीम...कई बाबाओं की कथा खुली, सो, तथाकथित धर्मगुरुओं पर गहन अध्ययन करने वाले लेखक की कलम से एक बानगी

सांस्कृतिक वर्चस्व और बहुजन प्रतिपरंपरा

महिषासुर परिघटना का जन्म ‘सांस्कृतिक उपनिवेश’ और ‘हिंसात्मक सांस्कृतिक प्रदर्शन’ के खिलाफ हुआ है

दवा और इलाज दोनों दूर

दवा प्रतिरोधक टीबी के बढ़ते मामलों के बीच भारत में इलाज पर लालफीताशाही की जकड़न

भारत, महाभारत और धर्म

रामायण-महाभारत समग्र रूप में भारतीय संस्कृति की जटिलता का प्रतिनिधित्व करते हैं

पवित्र उजास वाले कैनवास की कला कथा

रामकुमार अपने कथा साहित्य और कला दोनों में बेहद लंबे रास्ते पर धीर गति से चले, सूक्ष्म निगाहों से देखते, बहुत कुछ संचित करते, करुणा और सौंदर्यशील ढंग से

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