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मैगज़ीन डिटेल

सितारों का महामेला और भिड़ंत

लियोनेल मेस्सी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो का फुटबॉल में एक दशक से अधिक समय से वर्चस्व बना हुआ है। हालांकि, अब भी दोनों की झोली में एक खिताब की कमी है...

गठबंधनों की नई बेला

2019 के लोकसभा चुनावों और दिसंबर के आसपास होने वाले चार विधानसभा चुनावों के पहले हमें कुछ वैसे गठबंधन देखने को मिलेंगे, जो कुछ माह पहले तक असंभव लग रहे थे

2019 पर घना साया

लगातार पैदावार की घटती कीमतों पर काबू पाने में मोदी सरकार की नाकाम योजनाओं से किसानों की नाराजगी बनने लगी 2019 के लिए बड़ी चुनौती, किसान संगठन और विपक्ष मोर्चे पर मुस्तैद

...ताकि किसान बनें आत्मनिर्भर

मोदी सरकार ने चार साल में की फार्मर को रिफॉर्मर बनाने की कवायद, वह किया जो 48 साल में नहीं हुआ

महज जुमलों की बाजीगरी

मोदी सरकार के आय दोगुनी करने के जुमले की हकीकत खुली, अब किसान और बहकने वाले नहीं

पैकेजिंग ज्यादा, राहत थोड़ी

उपचुनावों के बाद जिस पैकेज का ऐलान किया गया उसके दावों और हकीकत में अंतर कुछ ज्यादा ही है

दूध की धार में दुबले किसान

कीमतों में भारी गिरावट से संकट में दुग्ध उत्पादक

किसानों के आसरे चुनावी नैया

भावांतर योजना की नाकामी ने शिवराज की बढ़ाई परेशानी, कांग्रेस का सरकार बनते ही कर्जमाफी का वादा

बिजली बिल के झटकों से बेदम

बिजली दरों में भारी इजाफे और कनेक्शकन लेने पर 18 फीसदी जीएसटी वसूलने के फरमान से ग्रामीण उपभोक्ताओं की बढ़ी परेशानी

अवैध निर्माण बने फांस

एनजीटी और अदालत की सख्ती से कार्रवाई को मजबूर भाजपा सरकार तलाश रही बच निकलने का रास्ता

जुनून और जोश का महासंगम

ब्राजील, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन को माना जा रहा फेवरेट, इंगलैंड को भी कम नहीं आंका जा सकता

अफ्रीकी चुनौती कितनी दमदार

अफ्रीकी देश अभी तक अंतिम आठ यानी विश्वकप के सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे हैं

आइए मिलें मेस्सी और नेमार से

अगर मेस्सी और नेमार में कोई समानता है तो वह जीत को लेकर जबर्दस्त भूख है, क्या जीतने का उनका जुनून रूस में कोई चमत्कार दिखाएगा

भारत के लिए अब भी दूर के ढोल

बार-बार वही सवाल हमारे सामने हैः भारत विश्वकप में कब खेलेगा? टैलेंट का टोटा नहीं, राजनैतिक इच्छाशक्ति का अभाव ही बड़ी बाधा

हाइकू फिल्मों का फैशन

बॉलीवुड में सिनेमा की नई भाषा गढ़ रही हैं शॉर्ट फिल्में

ऊंट किस करवट, जनाब!

दूरदर्शन के चैनल से लेकर नुक्कड़िया चाय दुकान तक हर तरफ बस वाह-वाह

विपक्षी राजनीति की संभावनाएं

मोदी को चुनौती देने के लिए कांग्रेस को अतीत के मोह से निकलकर वैकल्पिक रणनीति तैयार करनी होगी

वैकल्पिक एजेंडा है कहां!

कांग्रेस-वामपंथी और तथाकथित उदार लोगों को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नई राह दिखाई

एक जनपक्षीय सांस्कृतिक आंदोलन के सरोकार

आज जब राजनीति से ज्यादा गंभीर चुनौतियां सांस्कृतिक क्षेत्र में हैं तो इप्टा जैसे सांस्कृतिक आंदोलन की अहमियत और बढ़ जाती है जिसका मकसद केवल राजनैतिक चेतना ही नहीं, जनपक्षीय सांस्कृतिक नवजागरण भी रहा

खुद की अनदेखी वे बहनें

पवन करण का यह संग्रह समकालीन हिंदी कविता में एक नया मील पत्थर है

एक आत्मीय विशेषांक

अप्रतिम साहित्यकार, संपादक श्रीपत राय पर एकाग्र अंक

लोकतंत्र और समता को समर्पित

हिंदी पत्रकारिता को बिना झुके निरंतर नई शैली और नजरिया दे गए राजकिशोर

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